शासन सचिव के साथ पहली समीक्षा बैठक में ही सहकारी बैंक अफसरों के छूटे पसीने
जयपुर, 28 नवम्बर(मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की शासन सचिव एवं राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (अपेक्स बैंक) की प्रशासक श्रीमती मंजू राजपाल की अध्यक्षता में गुरुवार को अपेक्स बैंक मीटिंग हाल में आयोजित जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की समीक्षा बैठक में प्रबंध निदेशकों के पसीने छूट गये। कुछ अफसर तो पूरी तैयारी के साथ आये ही नहीं थे और प्रस्तुति के लिए अपने साथ बैंक के मुख्य प्रबंधक और वरिष्ठ प्रबंधकों को ले आये, जैसा कि वे पहले भी करते रहे हैं। लेकिन शासन सचिव ने बैठक शुरू होते ही बैंक कार्मिकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया और फिर जब बैठक शुरू हुई, तो अधूरे आंकड़ों, सामान्य प्रगति और नीरस प्रस्तुतिकरण के चलते शासन सचिव के सख्त लहजे ने बैठक का टेम्प्रेचर बढ़ा दिया।
शासन सचिव के रूप में श्रीमती मंजू राजपाल पहली बार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों के साथ समीक्षा बैठक कर रही थी। बैठक में केवल प्रबंध निदेशकों की उपस्थिति के स्पष्ट निर्देश के बावजूद, सभाकक्ष में बैंक कार्मिकों की मौजूदगी शासन सचिव को खूब अखरी, जिस पर उन्होंने प्रबंध निदेशक, सहकारिता विभाग के अधिकारियों और अपेक्स बैंक के सम्बंधित अधिकारियों के अलावा अन्य सभी उपस्थित जनों को मीटिंग हाल से बाहर जाने का निर्देश दिया। इसके बाद, अजमेर सीसीबी से उदयपुर सीसीबी तक, वन-बाय-वन, एमडी ने एजेंडा के बिन्दुओं पर प्रस्तुति दी।
कुछ प्रबंध निदेशकों का प्रस्तुतिकरण एवं प्रगति के आंकड़ें, इतने लचर थे कि इनसे खफा शासन सचिव ने ब्रेकफास्ट करना भी मुनासिब नहीं समझा। जिन सहकारी अफसरों को ब्रेकफास्ट परोसा जा चुका था, मीटिंग में साथियों के हालात देखकर, उनके गले से नीचे नहीं उतर रहा था। कुछ चुनिंदा अफसर ही बैंक की प्रगति के आंकड़ों और अपनी सटीक प्रस्तुति के दम पर, शासन सचिव का कोप भाजन बनने से बच पाये। प्रात: 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक चली बैठक में, शासन सचिव कई मुद्दों पर असंतुष्ट नजर आई और उन्होंने कार्य संस्कृति एवं बैंकिंग की गुणवत्ता में सुधार के लिये निर्देशित करते हुए टिप्पणी की कि यही हालात रहे तो हर महीने रिव्यू करना पड़ेगा। हालांकि, बीच-बीच में अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक संजय पाठक समन्वय बनाते हुए, स्थिति को सम्भालते रहे और माहौल को सामान्य बनाये रखने का प्रयास करते नजर आये।
शासन सचिव ने दिये लक्ष्य अर्जित करने के सख्त निर्देश
इधर, अपेक्स बैंक की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार, शासन सचिव मंजू राजपाल द्वारा गुरुवार को राज्य के जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के प्रबंध निदेशकों के साथ बैंक की ऋण वितरण, वसूली, पैक्स कंप्यूटराइजेशन की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) संजय पाठक, ज्वाइंट रजिस्ट्रार (बैंकिंग) प्रेमचंद जाटव और 29 में से 28 डीसीसीबी के प्रबंध निदेशक एवं अपेक्स बैंक के अधिकारी उपस्थित हुए। झालावाड़ सीसीबी एमडी आरपी मीणा बैठक में नहीं आये।
बैठक में केन्द्रीय सहकारी बैंको की गत 3 वर्ष की वसूली कार्यवाही, अवधिपार ऋण एवं ऋण वितरण की समीक्षा कर शत प्रतिशत वसूली करने के सख्त निर्देश दिये गये। पैक्स कम्प्यूटराइजेशन प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा करते हुए शासन सचिव ने 31 मार्च 2025 तक सभी पैक्स को कम्प्यूटरीकृत करने और इस कार्य में शत-प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करने के लिए उप रजिस्ट्रार/सहायक रजिस्ट्रार, विशेष लेखा परीक्षक, बैंक स्टाफ एवं पैक्स कार्मिकों के मध्य समन्वय पर जोर दिया। कम लागत की कासा (केएएसए) अमानतों के लिए 40 प्रतिशत का मानक स्तर अर्जित करने व अमानतों में लक्ष्यों के अनुरूप वृद्धि के निर्देश दिये गये।
राज्य सरकार की राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना एवं बजट घोषणा के बिन्दु संख्या 127 एवं 128 पर घोषित दीर्घकालीन कृषि एवं अकृषि ऋण योजना में क्रमश: 7 प्रतिशत एवं 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के दृष्टिगत अधिकाधिक ग्रामीणों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये। अंत में अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक संजय पाठक ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।