राज्यसहकारिता

कैडर के अनुरूप पदस्थापन की चर्चा से बढ़ गई अफसरों की धड़कनें

जयपुर, 11 फरवरी (मुखपत्र)। स्थानांतरण पर प्रतिबंध हटने और सहकारिता मंत्री द्वारा कैडर के अनुरूप पदस्थापन का मानस बनाये जाने की चर्चा के बाद, सहकारिता विभाग के अफसरों, विशेषकर उन मठाधीशों की धडक़न तेज हो गयी है, जो कई साल से एक ही संस्थान या एक ही शहर में वर्षों से जमे हुए होमटाउन की सुविधा का उपभोग कर रहे हैं। यह माना जा रहा है कि दो से तीन स्थानांतरण सूची जारी हो सकती हैं। इन सूची में सहकारिता मंत्री के धीर-गंभीर स्वभाव एवं उनके द्वारा समीक्षा बैठकों में दिखाये गये तेवरों के अनुरूप कड़ा अनुशासन देखने का मिल सकता है। दागी अफसरों को फील्ड पोस्टिंग से हटाये जाने का भी संकेत है।

विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि सहकारिता विभाग की सूचियां 18 या 19 फरवरी को आ सकती हैं। यह तारीख इसलिए चुनी गयी है ताकि नई सरकार के कार्यकाल में पहली ही बार होने वाले स्थानांतरण/पदस्थापन को लेकर अनुशासन कायम रखा जा सके। यानी जिन अधिकारियों का स्थानांतरण/पदस्थापन होने वाला है, उनके पास सरकारी आदेश को मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

सूत्र बताते हैं कि सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक सहकारिता विभाग और सहकारी संस्थाओं में कैडर के अनुरूप पदस्थापन को लेकर काफी गंभीर हैं। सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा कैडर के अनुरूप पदस्थापन और आरबीआई एवं नाबार्ड के फिट एंड प्रोपर क्राइटेरिया के अनुरूप सहकारी बैंकों में प्रतिनियुक्ति को लेकर वर्षों से आवाज बुलंद किये हुये हैं।

सूत्रों की मानें तो कैडर केे अनुरूप पदस्थापन की शुरूआत जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) और अपेक्स संस्थाओं से हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो एक सप्ताह बाद अधिकांश डीसीसीबी में ज्वांइट रजिस्ट्रार प्रबंध निदेशक के रूप में देखने को मिल सकते हैं। जबकि अधिशासी अधिकारी के पद पर सहायक रजिस्ट्रारों की अपेक्षा उप-रजिस्ट्रारों को लगाया जा सकता है। जोधपुर खंड में जोधपुर डीसीसीबी को छोडक़र, अधिकांश बैंकों की कमान वर्तमान में उप रजिस्ट्रारों के पास है। इनके अलावा और भी कई बैंकों में जूनियर अफसरों से एमडी शिप का ताज छिन सकता है।

इसके अलावा, इस बात की भी व्यापक चर्चा है कि तीन साल से अधिक समय से एक ही कुर्सी पर जमे हुए अफसरों को हटाया जा सकता है। यह नियम विभागीय पदों और संस्थाओं, दोनों पर लागू हो सकता है। इससे, सहकारिता मंत्री के सम्भाग में ही व्यापक फेरबदल होने की संभावना है, जहां कुछ अफसर वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के समय से विभागीय पदों और संस्थाओं में अंगद के पैर की भांति जमे हुए हैं।

नेहरू सहकार भवन में संचालित सहकारिता रजिस्ट्रार का कार्यालय भी इस नीति से अछूता नहीं रहने वाला। यहां एडिशनल रजिस्ट्रार कैडर और ज्वाइंट रजिस्ट्रार कैडर के कई रिक्त हैं। जबकि राजधानी से बाहर कई सीनियर अफसर होमटाउन के लालच में कमत्तर पदों पर कार्यरत हैं।

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