मैरीकॉम की अपील खरिज, कांस्य से संतोष करना पड़ा
उलान उदे (रूस), 12 अक्टूबर । भारत की एमसी मैरीकॉम को यहां जारी विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में 51 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल तुर्की की बुसेनांज कारिकोग्लू के खिलाफ हार झेलनी पड़ी। इस हार के साथ ही छह बार की विश्व चैम्पियन मैरी को इस बार कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। कारिकोग्लू ने भारतीय खिलाड़ी को 4-1 से शिकस्त दी।
भारत ने इस फैसले के खिलाफ अपील की, लेकिन उसे ठुकरा दिया गया। एआईबीए के निर्देशों के अनुसार, एक खिलाड़ी तभी अपील कर सकता है जब वह 2:3 या 1:3 के अंतर से मैच हारा हो। मैरी 1:4 से मुकाबला हारी थी इसलिए तकनीकी समिति ने उनके पीले कार्ड को स्वीकार नहीं किया।
मैच के बाद मैरी ने खेल मंत्री किरण रिजिजू और प्रधानमंत्री नेंरद्र मोदी को टैग करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, कैसे और क्यों। दुनिया को पता चलने दीजिए कि यह निर्णय कितना सही और गलत है।
मैरी 48 किलोग्राम भारवर्ग में छह बार विश्व चैम्पियन रह चुकी हैं और 51 किलोग्राम भारवर्ग में यह विश्व चैम्पियनशिप में उनका पहला पदक है। इस हार से पहले उन्होंने केवल एक बार इस प्रतियोगिता में स्वर्ण के अलावा कोई और पदक जीता है। 2001 में टूर्नामेंट के फाइनल में उन्हें हार झेलनी पड़ी थी
मेरी के नाम रिकॉर्ड 8 पदक
महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में मेरीकॉम का यह 8वां पदक है। पुरुष और महिला दोनों विश्व चैम्पियनशिप की बात करें, तो मेरीकॉम ने सर्वाधिक 8 पदक अपने नाम कर लिये हैं। यानी महिला या पुरुषों दोनों वर्गों ने सर्वाधिक विश्व चैम्पियनशिप पदक अब मेरीकॉम के नाम हैं। उन्होंने पुरुष मुक्केबाज क्यूबा के फेलिक्स सेवॉन (1986-1999) को पीछे छोड़ा, जिनके नाम विश्व चैम्पियनशिप में 7 पदक थे।
(एजेंसी इनपुट)