नई दिल्ली, 24 दिसम्बर। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) एक बार फिर निवासियों से आधार डेटाबेस में जानकारी की निरंतर सटीकता के लिए अपने दस्तावेज को अपडेट करने का आग्रह किया है।
प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि जिन लोगों को 10 वर्ष पहले आधार जारी किया गया था और उसके बाद के वर्षों में उन्होंने उसे कभी भी अपडेट नहीं कराया है, ऐसे आधार नम्बर धारकों को अपने दस्तावेज अपडेट कर लेने चाहिए। लोग सहायक दस्तावेज (पहचान और पते का प्रमाण) ऑनलाइन या माई आधार पोर्टल में अपलोड करके अथवा नजदीकी आधार केन्द्र पर जाकर अपने आधार को अपडेट कर सकते हैं। यूआईडीएआई की ओर से कहा गया है कि अपने आधार को पहचान के वर्तमान प्रमाण और पते के प्रमाण के साथ अपडेट करना लोगों के अपने हित में है।
1100 से अधिक सरकारी योजनाओं में जरूरी है आधार
पिछले एक दशक के दौरान, आधार संख्या भारत के निवासियों की पहचान के सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत प्रमाण के रूप में उभरी है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित 319 योजना सहित 1100 से अधिक सरकारी योजना और कार्यक्रम के तहत सेवा के वितरण के लिए आधार आधारित पहचान का उपयोग किया जाता है। साथ ही, अनेक वित्तीय संस्थान जैसे बैंक, एनबीएफसी, आदि ग्राहकों को प्रमाणित करने और ऑनबोर्ड करने के लिए आधार का उपयोग करते हैं।
प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि आधार में दस्तावेजों को अपडेट करने से जीवन को सुगम बनाने, बेहतर सेवा वितरण में मदद मिलती है, और सटीक प्रमाणीकरण होता है। दिनांक 9 नवम्बर 2022 को अधिसूचित आधार (नामांकन और अपडेट) (दसवां संशोधन) विनियम इस दिशा में एक और कदम था। (पीआईबी)