श्रीगंगानगर, 1 जुलाई (मुखपत्र)। आरबीआई के लाइसेंस प्राप्त दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लि. (जीकेएसबी) में दो प्रबंध निदेशक मामले में एक सप्ताह व्यतीत होने के बावजूद राज्य सरकार से मार्गदर्शन नहीं मिला है।
जीकेएसबी में 24 जून से दो प्रबंध निदेशक -संजय गर्ग और मंगतराम खन्ना कार्य कर रहे हैं। ज्वाइंट रजिस्ट्रार मंगतराम खन्ना द्वारा, उनके निलम्बन पर हाईकोर्ट द्वारा 23 जून को स्थगनादेश पारित किये जाने के पश्चात 24 जून 2022 को एमडी पोस्ट को ज्वाइन किया गया था, उस समय इस पद पर पहले से कार्यरत ज्वाइंट रजिस्ट्रार संजय गर्ग अपने पिता के देहावसान के कारण अवकाश पर थे। संजय गर्ग, सरकार के आदेश पर, सितम्बर 2021 से इस पद पर कार्यरत हैं।
जिला कलेक्टर एवं बैंक प्रशासक रुकमणि रियार सिहाग ने 24 जून को ही खन्ना को तलब कर, उन्हें ज्वाइनिंग के लिए संयुक्त शासन सचिव के पास जाने के निर्देश दिये थे, लेकिन खन्ना ने अपनी ज्वाइनिंग को यह कहते हुए सही ठहराया कि सरकार कोर्ट से ऊपर नहीं है और सहकारिता विभाग में उनसे पहले भी कई अधिकारी उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर, अपने पूर्व पद को ज्वाइन कर चुके हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि वे सरकार को मार्गदर्शन के लिए पत्र भेज रही हैं और स्थिति स्पष्ट होने तक आप पत्रावलियों का निस्तारण नहीं करें, लेकिन खन्ना ने मौखिक आदेश की पालना करने में असमर्थतता जतायी और बैंक लौट कर एमडी कक्ष में लम्बित पत्रावलियों का निस्तारण करना आरम्भ कर दिया, हालांकि ये सब रूटीन फाइलें थी।
कलेक्टर के पत्र का नहीं आया जवाब
इधर, अवकाश समाप्त होने के पश्चात 27 जून को जब संजय गर्ग बैंक पहुंचे तो वहां एमडी की सीट पर खन्ना पहले से उपस्थित थे। ऐसी स्थिति में गर्ग ने सहकारिता रजिस्ट्रार को मार्गदर्शन के लिए पत्र लिखा है। रजिस्ट्रार ने यह मामला सरकार के संज्ञान में ला दिया है, हालांकि कलेक्टर के पत्र के सात दिन बाद भी सरकार ने कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की है। फिलहाल बैंक में आधिकारिक रूप से खन्ना ही पत्रावलियों का निस्तारण कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि संजय गर्ग और मंगतराम खन्ना, दोनों ही अधिकारी श्रीगंगानगर के रहने वाले हैं, एक की बैच और समान कैडर के अधिकारी हैं और अच्छे मित्र भी हैं।