नई दिल्ली, 1 अगस्त। भारतीय सैनिकों की वीरगति का बदला लेने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बैन किये गये चीनी एप टिकटॉक की जल्द ही भारत में वापसी की संभावना है। इसका मुख्य कारण है कि टिकटॉक अब चीनी एप नहीं रहेगा। अमरीकी कम्पनी माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक को खरीदने जा रही है। यदि ऐसा होता है तो टिकटॉक पर अमेरीका में बैन लगने की अटकलों पर विराम लग जायेगा।
डाटा सिक्योरिटी को लेकर विवादित चाइनीज शॉर्ट वीडियो एप टिकटॉक पैरेंट कंपनी बाइटडांस ने इसे अमरीकी कम्पनी को बेचने का फैसला किया है। इससे पहले टिकटॉक ने कहा था कि वह अमेरिका में बैन से बचने के लिए कुछ हिस्सेदारी बेच सकता है, जिसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राजी नहीं थे और वे आज टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने वाले थे लेकिन ऐन वक्त पर टिकटॉक पूरी हिस्सेदारी अमेरिका को देने के लिए राजी हो गया। माइक्रोसॉफ्ट और टिकटॉक के बीच यह सौदा पांच बिलियन डॉलर्स में हो सकता है।
अमरीका में टिकटॉक के 8 करोड़ यूजर्स
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक अमेरिका में अब टिकटॉक के यूजर्स के डाटा की जिम्मेदारी माइक्रोसॉफ्ट की होगी। यूजर्स का डाटा माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर पर स्टोर होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो बाइटडांस ने अपनी चीनी चोला उतार फेंका है, हालांकि माइक्रोसॉफ्ट के साथ इस डील को लेकर टिकटॉक या माइक्रोसॉफ्ट की ओर से अभी तक आधिकारिक बयान नहीं आया है। भारत के बाद अमेरिका टिकटॉक के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। अमेरिका में टिकटॉक के मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या आठ करोड़ है।