अन्य राज्यों में लागू कानूनों के अध्ययन के लिए दल का गठन
जयपुर, 3 अगस्त (मुखपत्र)। राजस्थान प्रदेश में क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों एवं मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटियों में निवेश करने वाले आमजन के हितों को सुरक्षित बनाने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान किये जायेंगे।
रजिस्ट्रार (सहकारिता) डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा दिये गए निर्देशों के क्रम में जमाकर्ताओं के हितों को सुरक्षित करने के लिए अन्य प्रदेशों में लागू अधिनियमों, नियमों व अन्य प्रावधानों का अध्ययन कराने का निर्णय किया गया है। इसके लिए तीन सदस्यीय दल का गठन किया गया है। यह दल एक माह में अपनी रिपोर्ट देगा।
रजिस्ट्रार ने बताया कि राज्य सरकार की स्पष्ट सोच है कि वित्तीय संस्थाओं में निवेशकों के हितों को सुरक्षित करने के लिए व्यापक प्रावधान किये जायें, ताकि कोई भी संस्था निवेशकों की जमा पूंजी को हड़प नहीं सके। उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि जमाएं स्वीकार करने वाली संस्थाओं में वित्तीय पारदर्शिता स्थापित हो, जिससे जमाकर्ता द्वारा जब भी अपनी जमाएं वापिस प्राप्त करने के लिए आवेदन किया जाए, उसे वापिस मिल सके।
गुजरात और महाराष्ट्र में प्रावधानों का अध्ययन करेंगे
रजिस्ट्रार द्वारा गठित दल के सदस्य मुख्य रूप से गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों का दौरा कर, वहां स्टेट और मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों में निवेशकों के धन की सुरक्षा एवं संरक्षित रखने के लिए सहकारी अधिनियम/नियम/उपनियमों में क्या व्यवस्था है तथा ‘प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट्स ऑफ डिपोजिटर्स एक्ट’ के मुख्य प्रावधानों का अध्ययन करेगा ताकि उनके अनुरूप राजस्थान सहकारी सोसायटी एक्ट में संशोधन कर, क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटीज में निवेश करने वालों को अधिकतम राहत प्रदान की जा सके। दल में एसएलडीबी में महाप्रबंधक नवीन शर्मा, आरसीडीएफ में एडिशनल रजिस्ट्रार गोपाल कृष्ण और राइसेम के एसिस्टेंट रजिस्ट्रार रणवीर सिंह परिहार शामिल हैं।