जयपुर, 16 जनवरी। सहकारिता विभाग इस वर्ष मई माह में जयपुरवासियों को राजस्थान ही नहीं भारत के अन्य प्रदेशों के उत्कृष्ट मसालों की सौगात उपलब्ध कराने जा रहा है।
राष्ट्रीय सहकार मसाला मेले को इस बार अन्तरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने का निर्णय किया गया है और इस मेले में सार्क देशों की सहकारी समितियों को आमंत्रित किया जायेगा।
सहकारिता रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि प्रदेश के अधिकतर जिलों में विशिष्ट मसालों की उपज होती है जो उन जिलों की पहचान है। नागौर की मैथी एवं कैर सांगरी, सोजत की अथाना मिर्च एवं मेंहदी, जालोर भीनमाल का जीरा, कोटा रामगंजमण्डी का धनिया, मथानिया की मिर्च, कोटा-बूंदी का चावल एवं पोहा, प्रतापगढ़ की हींग व आम पापड़ की अपनी पहचान है।
हमारी सहकारी संस्थाएं उनकी उपज के क्षेत्र से ही उनका संधारण एवं प्रसंस्करण कर उपभोक्ताओं को उपलब्ध करायेंगी ताकि उनकी महक एवं शुद्धता बरकरार रहे। डॉ. पवन ने बताया कि मेले में केरल की लोंग, कालीमिर्च, इलायची सहित लिक्विड मसाले, तमिलनाड़ु की हल्दी, कुंकुम, धनिया, मिर्च के पाउडर, गुंटूर आन्ध्र प्रदेश की मिर्च, नार्थ ईस्ट प्रदेशों के मसाले, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा एवं उत्तरप्रदेश के नामचीन उत्पाद उपलब्ध होंगे।
उन्होंने बताया कि जयपुर वासियों को दक्षिण भारतीय व्यंजनों के स्वाद से रूबरू कराने के लिये रेडिमेड सांभर एवं गरम के मसाले भी उपलब्ध करायें जायेंगे। उन्होंने बताया कि मेले में प्रदेश के सभी संभागों तथा अन्य राज्यों से आने वाली सहकारी संस्थाओं को अलग-अलग डोम में स्टॉल आवंटित की जायेंगी।
उपभोक्ता संघ के प्रबंध निदेशक राय सिंह मोजावत ने बताया कि मेले में मसालों की फ्लेवर एवं शुद्धता बनाये रखने के लिये पिसाई मशीन लगाई जायेंगी ताकि उपभोक्ता साबुत मसालों की अपने सामने पिसाई करवा सकेगा। यह सुविधा नि:शुल्क होगी। रजिस्ट्रार ने बताया कि मेले में भुसावर के अचार एवं मुरब्बे, आगरा का पैंठा एवं दालमोठ, राजसमन्द की ठण्डाई, सवाईमाधोपुर का खस का शरबत, कोटा का शरबती गेहूं, सीकर का प्याज भी उपलब्ध कराया जायेगा।
मोजावत ने बताया कि महिलाओं को बच्चों के साथ मसालों की खरीदारी में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिये किड्स जोन बनाया जायेगा। मेले में सायं 7 बजे से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जायेगा।