जयपुर, 30 जनवरी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नई दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है।
शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि तीन कृषि कानून को वापिस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी के मुद्दे पर लाखों किसान 70 दिन से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, वे लोग हिंसा कर ही नहीं सकते। उन्होंने कहा, 26 जनवरी को लालकिले की घटना और हिंसा जांच का विषय है कि यह सब कैसे हुआ? पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। जो लोग 70 दिन से शांति से बैठे थे वे तो गड़बड़ी कर नहीं सकते। इसकी निष्पक्ष जांच होना बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने धरना दे रहे किसानों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प को लेकर कहा कि इन घटनाओं में भाजपा पर आरोप लग रहे हैं। स्थानीय लोगों को किसानों से भिडऩे की जरूरत नहीं थी। आंदोलनकारियों से बातचीत और समझाइश करना प्रशासन व सरकार का काम है और उन्हें ही करना चाहिए। आंदोलनकारी किसानों के बीच गांव वालों को भेजकर टकराव पैदा करना गलत है।
केंद्र सरकार का रुख समझ से परे
श्री गहलोत ने कहा कि कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार का रुख समझ से परे है। पूरे देश का किसान उनके साथ है। केंद्र सरकार रुख समझ से परे है। कृषि कानूनों पर संसद में चर्चा तक नहीं हुई। प्रधानमंत्री को चाहिये वे स्वयं किसानों को बुलाकर बातचीत करें। वार्ता से ही हल निकल सकता है। उन्होंने कहा कि लम्बे समय तक किसी भी आंदोलन का जारी रहना न देशहित में है और न उचित है। अन्नदाताओं की अपनी आशंका हैं, वे अपने परिवार और आने वाली पीढिय़ों के लिए चिंतित है। प्रधानमंत्री को उनकी आशंका का समाधान करना चाहिए।