जी और एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने मांगी माफी
मुंबई, 25 जनवरी (एजेंसी)| जी और एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने शुक्रवार को एक ‘खुले पत्र’ में बैंकर्स, एनबीएफसीज और म्यूचुअल फंड से उनकी ‘उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने’ को लेकर माफी मांगी है। इसके कुछ ही घंटे पहले जी समूह के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटल) में 14,000 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई है, क्योंकि कंपनी की एंटरटेनमेंट इकाई के शेयरों में उन मीडिया रपटों के बाद 30 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई, जिसमें बताया गया कि जी समूह की प्रमोटर कंपनी एस्सेल समूह नोटबंदी के तुरंत बाद कथित धन शोधन में शामिल रही थी।
चंद्रा ने एक खुले पत्र में कहा है, “मैं बेहद भरोसे के साथ कह सकता हूं कि इंडिया इंक (भारतीय कारोबारी जगत) में ऐसा कोई प्रमोटर नहीं है, जिसने देनदारियों का भुगतान करने के लिए अपनी सबसे मूल्यवान चीज बेचने की हिम्मत दिखाई है। हालांकि यह प्रक्रिया अभी जारी है, लेकिन यहां कुछ ताकतें हैं, जो हमें सफल होते नहीं देखना चाहतीं। मैं ऐसा कोई संकेत नहीं दे रहा हूं कि मेरी तरफ से कोई गलती नहीं हुई है, और हमेशा की तरह, मैं इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार हूं।” शेयर धारकों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा है, “वे मुख्य मुद्दे से दूर नहीं भाग रहे हैं।” और वे हरेक व्यक्ति का भुगतान करने की हरसंभव कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि वह अपने ‘वित्तीय समर्थकों’ से गहरी माफी मांगना चाहेंगे।
शेयरों में 33 फीसदी तक गिरावट
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी के शेयरों में दिन के कारोबार में 33 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है और ये 26 फीसदी गिरकर 319.35 पर बंद हुए। जी के शेयरों में गिरावट उन रपटों के बाद आई, जिसमें दावा किया गया है कि एसएफआईओ (सरकारी संस्था-सीरीयस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस) नित्यांक इंफ्रापॉवर कंपनी की जांच कर रही है, जिसने आठ नवंबर, 2016 को की गई नोटबंदी के तुरंत बाद 3,000 करोड़ रुपये जमा कराए थे।
रपट में दावा किया गया कि नित्यांक इंफ्रापॉवर और एक कथित सेल कंपनी ने वित्तीय लेन-देन किए, जिसमें सुभाष चंद्रा की अगुवाई वाले एस्सेल समूह से 2015 से 2017 के बीच जुड़ी कुछ कंपनियां भी शामिल थीं। जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइज के शेयरों में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर करीब 31 फीसदी की गिरावट आई और यह 299.92 पर बंद हुआ। यह साल 1999 के बाद से किसी एक दिन में कंपनी के शेयरों में आई सबसे बड़ी गिरावट है। मीडिया रपट में यह भी दावा किया गया है कि नित्यांक ने इसके अलावा साल 2016 के नवंबर में वीडियोकॉन और एस्सेल समूह के बीच हुए सौदे में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एस्सेल का कहना है कि नित्यांक एक स्वतंत्र कंपनी है, जबकि वीडियोकॉन पर आरोप हैं।