नई दिल्ली, 17 फरवरी। केंद्र सरकार ने महंगाई को कम करने के लिए खुले बाजार में बेचे जाने वाले गेहूं की कीमत को और कम कर दिया है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने खाद्य अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक आरक्षित मूल्य को कम करने का निर्णय लिया है।
इसके तहत खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) 6 ओएमएसएस (डी)8 के तहत आरक्षित मूल्य निजी पार्टियों को गेहूं की बिक्री के उद्देश्य से आरएमएस 2023-24 सहित सभी फसलों वाले गेहूं (एफएक्यू) के लिए दाम 2150 रुपये प्रति क्विंटल (पैन इंडिया) और गेहूं (यूआरएस) हेतु 2125 रुपये प्रति क्विंटल (पैन इंडिया) तय किया गया है।
विभाग के अनुसार, राज्यों को ई-नीलामी में भाग लिए बिना ही उपरोक्तप्रस्तावित आरक्षित मूल्य पर अपनी आवश्यकता के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से गेहूं खरीदने की अनुमति दी जा सकती है। एफसीआई आज 17 फरवरी को संशोधित इन आरक्षित कीमतों पर गेहूं की बिक्री के लिए तीसरी ई-नीलामी 22 फरवरी को करेगा।
30 लाख मीट्रिक टन गेहूं की नीलामी होगी
भारतीय खाद्य निगम द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य प्रक्रिया के अनुसार व्यापारियों, आटा मिलों आदि को ई-नीलामी के माध्यम से 25 लाख मीट्रिक टन की पेशकश की जाएगी। बोली लगाने वाले प्रति नीलामी प्रति क्षेत्र अधिकतम 3000 मीट्रिक टन की मात्रा के लिए ई-नीलामी में भाग ले सकते हैं।
राज्यों को 2 लाख एमटी और संघों को 3 लाख एमटी की पेशकश
ई-नीलामी के बिना राज्य सरकारों को उनकी आवश्यकता के लिए 10,000 मीट्रिक टन/राज्य की दर से 2 लाख मीट्रिक टन की पेशकश की जाएगी। बिना ई-नीलामी के सरकारी पीएसयू/सहकारिता संघ/फेडरेशन जैसे केन्द्रीय भंडार/एनसीसीएफ/नेफेड आदि को 3 लाख मीट्रिक टन की पेशकश की जाएगी। इसके अलावा, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने केंद्रीय भंडार/नेफेड/एनसीसीएफ को उनकी मांगों के अनुसार 3 लाख मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन किया है। केन्द्रीय भंडार, नेफेड और एनसीसीएफ को क्रमश: 1.32 एलएमटी, 1 एलएमटी और 0.68 एलएमटी आवंटित किए गए।
सामुदायिक व धर्मार्थ के लिए भी रियायती दर
इसके अलावा, 10 फरवरी 2023 को गेहूं की दर एनसीसीएफ/नेफेड/केंद्रीय भंडार/राज्य सरकार सहकारी समितियों/संघों आदि के साथ-साथ सामुदायिक रसोई/धर्मार्थ/एनजीओ आदि के लिए बिक्री हेतु घटाकर 21.50 रुपये प्रति किग्रा कर दी गई है, बशर्ते कि वे इस अनुबंध के अधीन हों कि वे गेहूं को आटे में बदलेंगे और इसे उपभोक्ताओं को 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम की एमआरपी पर बेचेंगे।