स्वाइन फ्लू स्क्रीनिंग का सघन निरीक्षण अभियान अब 25 जनवरी तक
जयपुर, 22 जनवरी। प्रदेश में स्वाइन फ्लू की प्रभावी रोकथाम एवं व्यापक जनचेतना जागृत करने के उद्धेश्य से 21 जनवरी को प्रारम्भ किये गये 3 दिवसीय सघन निरीक्षण अभियान की अवधि बढ़ाकर अब 5 दिन कर दी गयी है। अभियान के तहत 25 जनवरी तक स्वास्थ्य दलों द्वारा स्वाइन फ्लू सहित मौसमी बीमारियों की डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग कर एवं आवश्यक परामर्श दिया जायेगा। स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीजों को कैटेगरी अनुसार चिन्हि्त कर उपचार हेतु सलाह दी जायेगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने अभियान के प्रथम दो दिनों की प्रगति की विस्तार से जानकारी ली एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
55 लाख से अधिक व्यक्तियों की स्क्रीनिंग
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. वी.के. माथुर ने बताया कि 21 जनवरी को प्रारम्भ किये सघन निरीक्षण अभियान के प्रथम दो दिनों में लगभग 20 लाख घरों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इस सर्वेक्षण में करीब 55 लाख से अधिक व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से सर्दी, जुकाम से प्रभावित एक लाख 10 हजार से अधिक व्यक्तियों को आवश्यक परामर्श व उपचार प्रदान किया गया। निरीक्षण अभियान के दौरान लगभग 846 व्यक्तियों में स्वाइन फ्लू जैसे लक्षण प्रतीत होने पर तथा 563 गर्भवती महिलाओं में सर्दी, जुकाम आदि पाये जाने पर कुल 1 हजार 900 टेमीफ्लू दी गयी। अभियान के दौरान करीब 20 हजार बुखार से पीड़ित मरीज पाये, जिसमें से 16 हजार से अधिक ब्लड सैम्पल लेकर जांच की गयी एवं संदिग्ध स्वाइन फ्लू रोगियों को जांच हेतु परामर्श दिया गया।
ओपीडी की सेवायें अनवरत् 24 घन्टे उपलब्ध
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू को नोटिफाइबल डिजीज घोषित कर स्वास्थ्य प्राथमिकता में शामिल किया जा चुका है। संभावित स्वाइन फ्लू की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दवाइयों एवं जांच सामग्री की यथासमय पूर्व व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में स्वाइन फ्लू संभावित रोगियों के लिए पृथक से ओ.पी.डी. की व्यवस्था की जा चुकी है। मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध चिकित्सालयों में ओपीडी की सेवायें अनवरत् 24 घन्टे उपलब्ध हैं।
12 प्रयोगशालाओं में जांच सुविधा उपलब्ध
डॉ. शर्मा ने बताया कि स्वाइन फ्लू रोगियों के लिये मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध चिकित्सालयों तथा जिला, उपखंड व सैटेलाइट चिकित्सालयों में सैम्पल संग्रहण की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है। राजकीय चिकित्सक के परामर्श पर स्वाइन फ्लू की निःशुल्क जांच की जा रही है। जांच की सुविधायें प्रदेश के 7 मेडिकल कॉलेज, डीएमआरसी जोधपुर तथा 4 निजी लैब सहित कुल 12 प्रयोगशालाओं में उपलब्ध है।
939 शैय्याएं, 372 आईसीयू बैड्स एवं 290 समर्पित वेंटीलेटर्स आरक्षित
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि समस्त चिकित्सा संस्थानों में उपचार हेतु टेमीफ्लू सहित अन्य लॉजिस्टिक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू मरीजों के उपचार के लिए पृथक से स्वाइन फ्लू वार्ड में कुल 939 शैय्याएं, 372 आईसीयू बैड्स एवं 290 समर्पित वेंटीलेटर्स आरक्षित है। क्रिटीकल केयर मैनेंजमेंट के लिए अधिकारियों तथा विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सा शिक्षा व चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों को वीडियो क्रान्फेंस के माध्यम से प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य मेंं 400 से अधिक रेपिड रेसपोंस टीमों का गठन कर सूचना प्राप्त होते ही उन्हें फील्ड में भिजवाया जा रहा है। इन टीमों द्वारा मॉनीटरिंग एवं हैल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है। राज्य स्तर (0141- 2225624, 2225000 व टोल-फ्री नं. 104) सहित समस्त जिला मुख्यालयों पर अनवरत् 24 घंटे स्वाइन फ्लू कन्ट्रोल रूम कार्यरत है। समस्त राजकीय चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के अवकाश पर रोक तथा मुख्यालय नहीं छोड़ने हेतु पाबंद किया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान स्वास्थ्य दलों को विशेष रूप से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों, 60 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों एवं गर्भवती महिलाओं में तेज बुखार, जुकाम जैसे लक्षण पाये जाने पर यथाशीघ्र उपचार प्रारम्भ करवाने के निर्देश दिये गये हैं।