186 दिन चला पिराई सत्र, औसत रिकवरी तीन वर्ष में सर्वाधिक 9.10 प्रतिशत रही
श्रीगंगानगर (मुखपत्र)। कमीनपुरा स्थित राजस्थान स्टेट शुगर मिल ने गत तीन वर्ष में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए इस साल रिकार्ड 9.10 प्रतिशत की औसत से चीनी का उत्पादन किया है।
मिल प्रबंधन ने बताया कि वर्ष 2018-19 का गन्ना पिराई सत्र 26 दिसम्बर 2018 से प्रारम्भ होकर 10 अप्रेल 2019 रात्रि 10 बजे तक चला। इस समय में चीनी मिल में कुल 106 दिन पिराई दिवस रहे। इस दौरान 11 लाख 61 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई की चीनी का औसत उत्पादन 9.10 प्रतिशत रहा। यह गत तीन वर्ष में सर्वाधिक रिकवर है।
गन्ना आपूर्ति के लिए दिये तीन नोटिस
प्रबंधन के अनुसार, पिराई सत्र के अन्तिम दिनों में गन्ना आपूर्ति हेतु 26 मार्च से सभी किसानो के लिये पर्चियां (कलेण्डर) खोल दिया गया था ताकि सभी किसान समय से गन्ना मांग पर्ची लेकर अपना गन्ना मिल को सप्लाई कर सकें। इस क्रम में 30 मार्च को भी मिल प्रशासन द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से किसानों से शेष गन्ने की आपूर्ति करने की अपील की गई थी। इसके बाद 3 अप्रेल को कुछ दिन और मिल चलने की सम्भावना को देखते हुए प्रथम नोटिस, 6 अप्रेल को द्वितीय नोटिस व 8 अप्रेल को अन्तिम नोटिस जारी किया गया जिसे मिल गेट के नोटिस बोर्ड एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया।
काश्तकारों से की वार्ता
प्रबंधन ने बताया, इससे पूर्व 1 अप्रेल, 4 अप्रेल एवं 8 अप्रेल को गन्ना काश्तकार यूनियनों एवं गन्ना काश्तकारों से भी बैठक कर क्षेत्र में शेष रहे गन्ने की आपूर्ति करने एवं निर्बाध सीजन प्रारम्भ रखने हेतु आवश्यक मात्रा में गन्ना ट्रालियों को भेजने एवं गन्ना सीजन के अन्तिम दिवस की वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया ताकि किसी काश्तकार का गन्ना आपूर्ति होने से शेष न रह जावे।
किसान हित में धीमी गति से करी पिराई
प्रबंधन के अनुसार, किसानों की सुविधा के लिए 1 से 10 अप्रेल तक धीमी पिराई करते हुए फैक्ट्री चलाई गयी ताकि सभी किसानों द्वारा गन्ने की आपूर्ति की जा सके। किसानो के हित के लिये चीनी मिल को नो-केन होने पर 40 घण्टे के लिये बन्द रखा गया ताकि मिल क्षमता अनुरूप गन्ना उपलब्ध होने पर पुन: चलाया जा सके।
31 मार्च तक का भुगतान चुकता
मिल प्रबंधन ने बताया कि गन्ना पिराई सत्र के लिए किसानों द्वारा 31 मार्च तक उपलब्ध करवाए गए गन्ने का भुगतान भी किया जा चुका है।