नई दिल्ली, 1 सितम्बर (एजेंसी)| अक्सर ऐसा होता होगा कि जब तक आप ऑफिस से घर लौटते हैं, तब तक आपका फोन स्विच ऑफ हो चुका होता है। तब आप सोचते होंगे कि काश आपके पास ऐसा फोन हो कि जिसे एक सप्ताह तक चार्ज करने की जरूरत ना पड़े। शायद इसके लिए आपको ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इंडस्ट्री में दमदार बैटरी वाले स्मार्टफोन्स का उत्पादन करने वाले विभिन्न स्टेक होल्डर्स की भीड़ लग गई है। मजबूत बैटरी की जरूरत के पीछे एक तथ्य ये भी है कि लोग अब स्ट्रीमिंग ज्यादा करते हैं, गेम ज्यादा खेलते हैं और चैटिंग भी पहले से ज्यादा करते हैं।
उपभोक्ता पबजी और फोर्टनाइट जैसे गेम्स गाना, स्पॉटीफाई, यूट्यूब म्यूजिक पर गाने ज्यादा सुन रहे हैं और एमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स और दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर वीडियोज पर ज्यादा समय दे रहे हैं। जब यूजर्स अपने स्मार्टफोन्स पर ज्यादा व्यस्त हो रहे हैं तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि बात बैटरी की ना हो।
सीएमआर के इंडस्ट्री एंटेलीजेंस ग्रुप के एनालिस्ट मनीष रावत के अनुसार, कीमत, उपलब्धता और एसेसिबिलिटी के बढ़ने से और ज्यादा कंज्यूमर्स स्मार्टफोन्स से चिपक गए हैं और ज्यादा समय तक ऑनलाइन रहते हैं।
भारत में लगभग 87 प्रतिशत स्मार्टफोन खरीददार अपना अगला स्मार्टफोन खरीददते समय बैटरी लाइफ और बैटरी कैपेसिटी पर मुख्य रूप से ध्यान देते हैं। स्मार्टफोन्स मजबूत बैटरी के अलावा बैटरी चार्जिग में नए-नए प्रयोग भी कर रहे हैं। चाहे वह डैश चार्जिग हो या क्विक चार्जिग, वीओओसी हो या सुपरवीओओसी, स्मार्टफोन्स का फोकस सिर्फ बैटरी को कम से कम समय में दोबारा चार्ज करने पर है।