नई दिल्ली, 14 मई। कर्नाटक में कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री के चयन का जिम्मा, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडक़े पर छोड़ दिया है। राज्य के नये मुख्यमंत्री का नाम फाइनल करने के लिए रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। विधायक दल ने सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निर्णय पर छोडऩे का फैसला किया है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बम्पर जीत करते हुए 224 सदस्यीय विधानसभा में 136 सीटें जीती हैं।
कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री पद के लिए विधानसभा में नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा पार्टी के संकटमोचक डीके शिवकुमार प्रबल दावेदार हैं। इन दोनों के समर्थकों ने आज बेंगलुरू में कांग्रेस के पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में जोरदार नारेबाजी की।
मुख्यमंत्री चयन को लेकर शुरू हुई इस प्रक्रिया को देखते हुए नए सीएम का नाम तय करने में दो से तीन दिन का समय लगने की संभावना है। कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने भी कहा कि विधायकों से मशविरा और उसके बाद शीर्षस्थ नेताओं के बीच चर्चा को देखते हुए इतना समय लगना स्वाभाविक है।
सिद्धारमैया का पलड़ा भारी
कांग्रेस ने इससे पहले तीन वरिष्ठ नेताओं सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर इन्हें विधायकों की राय जानने का जिम्मा सौंपा था। कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बेशक डीके शिवकुमार ने अभी अपनी दावेदारी नहीं छोड़ी है परन्तु पार्टी में उच्चस्तर पर मिल रहे संकेतों से स्पष्ट है कि सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं। सिद्धारमैया कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय और सम्मानित नेता होने के साथ-साथ ही कांग्रेस के परंपरागत अहिंदा वोट बैंक के सामाजिक आधार के हिसाब से नेतृत्व के लिए सबसे उपयुक्त चेहरा भी हैं।
गांधी से चर्चा कर सीएम का नाम फाइनल करेंगे खडग़े
कांग्रेस विधायक दल की रविवार को बेंगलुरू में हुई बैठक में विधायकों की राय जानने के बाद तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इसकी रिपोर्ट देंगे। कर्नाटक की जीत के बाद रविवार को दिल्ली पहुंचे खरगे ने कहा भी कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ भी उनकी चर्चा होगी।
शिवकुमार को मनाना बड़ी चुनौती
सिद्धारमैया की लोकप्रियता, राहुल गांधी की पसंद और और सरकार चलाने के अनुभव से इतर, कर्नाटक में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रदेश अध्यक्ष और कुशल रणनीतिकार डीके शिवकुमार के योगदान को भी पार्टी हाईकमान नजरअंदाज नहीं कर सकता। जेडीएस के आधार वोट वोक्कालिंगा को इस चुनाव में काफी हद तक तोड़ कर कांग्रेस के साथ लाने में शिवकुमार की सबसे बड़ी भूमिका रही है। शिवकुमार भी गांधी परिवार की गुडबुक में है। ईडी की हिरासत के दौरान सोनिया गांधी का विशेष रूप से जेल जाकर उनसे मिलना इसका एक उदाहरण है। इसलिए अब देखना यह है कि कांग्रेस अपने संकट मोचक डीके शिवकुमार को सिद्धारमैया के नाम पर कैसे राजी कर पायेगी।