हैदराबाद, 23 फरवरी। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, हैदराबाद ने हैदराबाद के ‘मोर मेगास्टोर’ को भुगतान करने के समय उपभोक्ता पर कैरी बैग (कम्पनी के लोगो वाले) का अतिरिक्तचार्ज लगाने के अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस (व्यापार को अनैतिक तरीका) को बंद करने के लिए कहा है। आयोग ने माना कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 2 (1) (आर) के तहत अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के लिए उपभोक्ता को एक विज्ञापन एजेंट के रूप में इस्तेमाल नहीं किया सकता है।
आयोग के अध्यक्ष वकांती नरसिम्हा राव, पीवीटीआर जवाहर बाबू (सदस्य) और आरएस राजश्री (सदस्य) की एक बेंच ने कहा, प्रतिवादी अपनी कम्पनी के लोगो वाले प्लास्टिक बैग बेच रहे हैं, जिसके कारण वे अपने विज्ञापन के उपकरण के रूप में शिकायतकर्ताओं का उपयोग कर रहे हैं, जो सेवाओं की भ्रामक प्रकृति के अलावा निष्पक्ष व्यापार व्यवहार को अपनाने की बजाय उनको भ्रामक चीजों की ओर ले जाता है। ऐसी हरकतों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
आयोग कानून के एक छात्र बागलेकर आकाश कुमार द्वारा दायर एक शिकायत पर विचार कर रहा था। आयोग ने बिग बाजार (फ्यूचर रिटेल लिमिटेड) बनाम साहिल डावर मामले में एनसीडीआरसी के एक हालिया फैसले पर भरोसा किया, जिससे बिग बाजार को कैरी बैग कम्पनी के लोगो की अतिरिक्तशुल्क लगाने से रोक दिया गया था। आयोग ने माना कि भुगतान काउंटर पर कैरी बैग की कीमत का खुलासा करना भी निष्पक्ष ट्रेड प्रैक्टिस के बराबर है।
कम्पनी के लोगो लगे कैरी बैग का चार्ज नहीं वसूल कर सकते
आयोग ने कहा कि प्राइमरी नोटिस के बिना भुगतान काउंटर पर कैरी बैग के लिए अतिरिक्त लागत चार्ज करना एक अनुचित व्यापार अभ्यास है। मामले में मेगास्टार की ओर से पेश एडवोकेट के. चैतन्य मोर ने तर्क दिया कि कैरी बैग लिए 3 रूपये का शुल्क लेना किसी भी कानून के तहत निषिद्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि कम्पनी ने कभी भी ग्राहकों को कैरी बैग खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया और कैरी बैग खरीदाना ग्राहकों का अपना फैसला होता है। हालांकि, आयोग मेें शिकायतकर्ता की ओर से विवरण प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार, केंद्र और राज्य सरकार, दोनों के मौजूदा आदेशों के अनुसार, रिटेलर अपनी कम्पनी के लोगो का उपयोग किए बिना प्लास्टिक कैरी बैग के लिए शुल्क ले सकता है (मतलब वे सादा कैरी बैग बेचेंगे)। कैरी बैग के साथ अगर किसी भी कम्पनी के लोगो को बेचा जाता है, जिसकी मुफ्त में आपूर्ति की जानी चाहिए।
15 हजार रुपये जुर्माना लगाया
आयोग ने अब कंपनी को सभी ग्राहकों को मुफ्त कैरी बैग उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, यदि वे कैरी बैग पर अपनी कम्पनी का लोगो मुद्रित करते हैं। साथ ही कहा कि उपभोक्ता की पूर्व सूचना और सहमति से और व्यवसाय परिसर में सुस्पष्ट स्थानों पर सूचना प्रदर्शित करके सादे कैरी बैग के लिए चार्ज किया जा सकता है। आयोग ने कम्पनी को निर्देश दिया कि वह कम्पनी के लोगो वाले कैरी बैग का शुल्क लेने के मुआवजे के तौर पर शिकायतकर्ता को 15, 000 रूपये का भुगतान करे। (इनपुट-लाइवलॉ)