जयपुर, 3 दिसम्बर। राजस्थान के अजमेर संभाग के भीलवाड़ा में नगर विकास न्यास के घूसखोर तीन तकनीकी अधिकारी गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे चढ़ गये।
राज्य में एसीबी डीजी बीएल सोनी और एडीजी दिनेश एमएन की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढाते हुए ब्यूरो की टोंक चौकी और जयपुर चौकी ने यूआईटी के अधीक्षण अभियंता रामेश्वर शर्मा, अधिशासी अभियंता संतोष शारदा और सहायक अभियंता ब्रह्मलाल शर्मा को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
एसई व एईएन से 75 हजार रुपये और जेईएन 25 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए धरा गया। टोंक चौकी के एडिशनल एसपी विजय मीणा और जयपुर चौकी के एडिशनल एसपी नरोत्तम वर्मा के नेतृत्व में दो टीमों ने टे्रप की कार्यवाही की।
ब्यूरो सूत्रों के हवाले से बताया गया कि एक ठेकेदार की शिकायत पर यह कार्यवाही की गई।
ब्यूरो में प्रस्तुत शिकायत में ठेकेदार ने बताया कि उसके द्वारा सिविल वर्क के लगभग एक करोड़ रुपये के बिल एसई रामेश्वर शर्मा, एक्सईएन संतोष शारदा व ऐईएन ब्रह्मलाल शर्मा ने रोक रखे थे। इसकी एवज में पांच लाख रुपये मांगे गये थे, जिसमें से एक लाख पच्चीस हजार रुपये तीनों अधिकारी पहले ले चुके थे। इस पर उसने एसीबी में शिकायत की।
सत्यापन के दौरान रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर एसीबी की टोंक व जयपुर टीम ने गुरुवार को इन तीनों को ठेकेदार से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। तीनों अधिकारियों के निवास पर सर्च की कार्यवाही जारी है।