नये पोर्टल पर केवल व्यवस्थापक की एसएसओ आईडी से ही पंजीयन होगा : संघ
जयपुर (मुखपत्र)। राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि सहकारिता विभाग द्वारा फसली ऋण वितरण के लिए 3 जून से लागू किये जा चुके ऑनलाइन पोर्टल पर ई-मित्र के माध्यम से अपलोड किये गये किसानों के समस्त आवेदन अमान्य होंगे।
शुक्रवार को संघ की ओर से पैक्स/लैम्पस कार्मिकों के दर्जनों व्हाट्स एप ग्रुपों पर यह मैसेज प्रसारित किया गया जिसमें यह दावा किया गया है कि ऑनलाइन पोर्टल पर ऋण आवेदन प्रक्रिया नये सिरे से शुरू होगी और जिन किसानों द्वारा ई-मित्र के माध्यम से फसली ऋण हेतु आवेदन किये जा चुके हैं, वे सब खारिज कर दिये जायेंगे।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष नंदलाल वैष्णव और महामंत्री नंदाराम चौधरी व राजावत के नाम से पोस्ट किये गये मैसेज में पैक्स/लैम्पस कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वे एफआईजी और ई-मित्र पर सदस्य किसानों का डाटा अपलोड नहीं करवाएं क्योंकि ई-मित्र द्वारा किये गये रजिस्ट्रेशन खारिज होने जा रहे हैं।
सरकार बना रही है नया पोर्टल!
वायरल संदेश में कहा गया कि अपेक्स बैंक के स्तर से सभी पैक्स/लैम्प्स के मुख्य कार्यकारी की एसएसओ आईडी जनरेट करने की प्रक्रिया जारी है और इस कार्य में अभी दो से चार दिन का समय और लगेगा। ऋण वितरण की सारी प्रक्रिया ‘नये
पोर्टल’ पर व्यवस्थापक की एसएसओ आईडी से शुरू होगी और इस ‘नये पोर्टल’ पर केवल व्यवस्थापक ही काम कर सकेंगे। पोर्टल में ई-मित्र, बी.सी. या एफआईजी का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
व्यवस्थापकों से संयम रखने की अपील करते हुए कहा जा रहा है कि वे एसएसओ आईडी जनरेट होने के पश्चात ही फसली ऋण वितरण के लिए किसानों का पंजीयन शुरू करें।
अधिकारी दबाव बनाएं तो रिट दायर करें
एक अन्य व्हाट्स एप संदेश में संघ के नेताओं द्वारा पैक्स कर्मचारियों को नसीहत दी गयी है कि यदि किसी बैंक का प्रबंध निदेशक, ऋण पर्यवेक्षक या अन्य कोई अधिकारी पोर्टल पर रजिस्टे्रशन करने के लिए दवाब बनाता है तो समिति की ओर से उच्च न्यायालय में रिट दायर कर दें।