जयपुर, 9 मार्च (मुखपत्र)। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में विभिन्न उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 (रिप्स) लागू की गई है। उन्हाेंने कहा कि वर्तमान में इस संबंध में कानून बनाने का राज्य सरकार का कोई विचार नहीं है।
श्री मीना प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 के तहत नियोक्ता द्वारा 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को काम पर रखने पर श्रमिकों के ईपीएफ तथा ईएसआई के अंशदान का 75 प्रतिशत पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019
इससे पहले विधायक संदीप कुमार के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री मीना ने बताया कि राज्य में उद्योगों द्वारा कुशल-अकुशल श्रमिकों की आवश्यकतानुसार स्थानीय युवाओं में आवश्यक कौशल उपलब्धता तथा स्थानीय लोगों के रूझान के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। उद्योगों द्वारा रोजगार देने के लिए स्थानीय युवाओं एवं कुशल-अकुशल श्रमिकों का चयन उनकी योग्यता तथा उद्योग की आवश्यकतानुसार किया जाता है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में रोजगार सृजन एवं औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से 17 दिसम्बर 2019 से राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 लागू की गई है, जो कि 31 मार्च 2026 तक प्रभावी है। योजनान्तर्गत विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र के पात्र उद्यमों के लिए रोजगार सृजन अनुदान का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस प्रावधान के अन्तर्गत नियोक्ता द्वारा श्रमिकों के ईपीएफ एवं ईएसआई के अंशदान के रूप में जमा कराई गई राशि की 50 प्रतिशत राशि का पुनर्भरण सात वर्ष की अवधि के लिए अनुदान के रूप में किए जाने का प्रावधान किया गया है। श्री मीना ने बताया कि नियोक्ता द्वारा श्रमिकों के ईपीएफ एवं ईएसआई के अंशदान के रूप में जमा कराई गई राशि के 75 प्रतिशत राशि का पुनर्भरण सात वर्ष की अवधि के लिए उद्यम में कार्यरत समस्त श्रमिकों हेतु किए जाने का प्रावधान किया गया है यदि समस्त श्रमिकों में से 75 प्रतिशत से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार राजस्थान के अधिवासित नागरिकों को प्रदान किया गया हो।
उन्होंने बताया कि योजना के रोजगार संबंधित प्रावधान सम्पूर्ण राज्य के लिए लागू हैं, जिसमें भिवाड़ी भी सम्मिलित है।