एमएसएमई को दो फीसदी ब्याज अनुदान
नई दिल्ली, 1 फरवरी (एजेंसी)| वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को दो फीसदी ब्याज सब्सिडी प्रदान करने और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 3,000 रुपये मासिक पेंशन की घोषणा की, जो नोटबंदी से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। गोयल ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत पंजीकृत सूक्ष्म, लघु, छोटे और मध्यम उद्यमों (एमएसएमईज) को एक करोड़ रुपये तक के कर्ज पर दो फीसदी ब्याज सब्सिडी देने की घोषणा की है।
वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने वित्त वर्ष 2019-10 के लिए अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा, “सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कई कदम उठाएं हैं। देश में करोड़ों लोगों को नौकरियां प्रदान की हैं। हमने हाल में एक करोड़ रुपये का कर्ज महज 59 मिनट में हासिल करने की सुविधा का ऐलान किया है।” उन्होंने कहा, “सभी एमएसएमई इकाइयां जो वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत होंगी, उन्हें अब एक करोड़ रुपये तक के कर्ज पर दो फीसदी ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी।” गोयल ने कहा कि सरकार ने सरकारी खरीद में एमएसएमई की हिस्सेदारी को सरकारी ईमार्केटप्लेस (जीईएम) के माध्यम से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दी है, जिसमें महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे एमएसएमई का तीन फीसदी शामिल है।
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 3000 रूपये पेंशन
एक और क्षेत्र जो नोटबंदी और जीएसटी से बुरी तरह प्रभावित रहा है, वह असंगठित क्षेत्र है। इस क्षेत्र के लिए वित्तमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मनधन’ योजना की घोषणा की, जिससे असंगठित क्षेत्र के 15,000 रुपये तक की मासिक आय प्राप्त करनेवाले कामगारों को 3,000 रुपये प्रति माह का मासिक पेंशन दिया जाएगा। लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए गोयल ने कहा कि इस योजना से 10 करोड़ कामगारों को लाभ होगा, जो कि असंगठित क्षेत्र के लिए अगले पांच सालों तक विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना होगी।
उन्होंने कहा कि मेगा पेंशन योजना से असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों को लाभ होगा, जिसमें घरेलू कामगार, रिक्शा चालक, कृषि मजदूर और बीड़ी मजदूर शामिल हैं। इस योजना के तहत कामगारों को 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। इस योजना में कोई भी मजदूर 29 साल की उम्र तक शामिल हो सकता है और उसे 100 रुपये प्रति माह जमा कराने होंगे, जबकि जो मजदूर इसमें 18 साल की उम्र में शामिल होंगे, उसे 55 रुपये प्रति माह जमा कराने होंगे। गोयल ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना (पीएजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीआई) के तहत दुर्घटना बीमा योजना के अतिरिक्त है।