जयपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं अनूपगढ़ क्षेत्र में सर्वाधिक पंजीयन प्रकरण लम्बित
जयपुर, 24 जून (मुखपत्र)। रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानन्द अग्रवाल ने राज्य के विभिन्न जिलों मेंबड़ी संख्या में नवगठित प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का पंजीयन नहीं होने पर नाखुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप दुग्ध उत्पादकों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए दुग्ध समिति का पंजीकृत होना अनिवार्य है। रजिस्ट्रार ने समस्त इकाई अधिकारियों को निर्देशित किया कि पंजीयन से लम्बित प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का 30 जून 2021 तक पंजीयन कर लम्बित प्रकरणों का निस्तारण करें।
श्री अग्रवाल गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दुग्ध सहकारी समितियों के पंजीयन और अवसायन के बकाया प्रकरणों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने उप रजिस्ट्रार एवं डेयरी संघों में पदस्थापित सहायक/उप रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि अवसायन एवं रजिस्ट्रेशन से लम्बित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करें और प्रकरण अधिक समय तक लम्बित नहीं रहे।
रजिस्ट्रार ने जयपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं अनूपगढ़ क्षेत्र में नवगठित प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों के सर्वाधिक पंजीयन लम्बित रहने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने सम्बंधित चारों उप रजिस्ट्रार को निर्देशित किया कि दुग्ध उत्पादक संघ एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से समन्वय स्थापित कर पंजीयन के शेष प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण किया जाये।
डेयरी स्तर पर भी प्रकरण लम्बित
श्री अग्रवाल ने कहा कि प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के अनेक प्रकरण डेयरी स्तर पर लम्बित हैं। ऐसे में डेयरी के अधिकारियों को सक्षमता प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु लिखा जाये, ताकि पंजीयन से वंचित प्राथमिक दुग्ध समितियों का पंजीयन हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पंजीकृत होने वाली प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का दिनांकवार विजिट कार्यक्रम बनाकर पंजीयन से पूर्व की प्रक्रिया को पूरा कर लम्बित प्रकरणों का निस्तारण करें।