मेले को मिल रहा अच्छा रिस्पोंस, पांच दिन में 60 लाख रुपये के उत्पादों की बिक्री
जयपुर, 14 मई (मुखपत्र)। राजस्थान में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के. पवन ने मंगलवार को राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला का विजिट किया। जवाहर कला केंद्र में आयोजित यह मेला 20 मई तक चलेगा। रजिस्ट्रार ने मेले में विभिन्न स्टालों का निरीक्षण मसाला विक्रेताओं एवं उपभोक्ताओं से मेले का फीडबैक भी लिया।
डॉ. पवन ने बताया कि बताया कि राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला का आयोजन सहकारिता विभाग का एक अनूठा प्रयास है जिसके माध्यम से हम शुद्ध मसालों एवं खाद्य पदार्थों को आमजन की रसोई तक पहुंचा कर वर्तमान एवं आगे की पीढ़ी के स्वास्थ्य को समृद्ध बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मेले के माध्यम से हम एक ही छत के नीचे प्रदेश के सभी क्षेत्रों के साथ-साथ केरल, तमिलनाडु, पंजाब जैसे राज्योंं के विशिष्ट मसालों एवं उत्पादों को पूर्ण शुद्धता के साथ उचित मूल्य पर उपलब्ध करा रहे हैं।
प्रतिदिन 12 से 15 लाख रुपये की बिक्री
उपभोक्ता संघ के प्रबन्ध निदेशक संजय गर्ग ने बताया कि मेले में जयपुरवासियों द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुसार मसालों एवं अन्य उत्पादों की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि मेले में प्रतिदिन औसतन 12 से 15 लाख रुपये की बिक्री दर्ज की गई है और पांच दिनों मेंं 60 लाख से अधिक मूल्य के मसालों की बिक्री हो चुकी है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं को रोजाना लकी ड्रा निकाला जा रहा है।
राजस्थान का बासमती चावल बना पहली पसंद
उन्होंने बताया कि मेले में लोगों को राजस्थान के बासमती चावल के नाम से लोकप्रिय बूंदी का चावल बहुत लुभा रहा है। गृहणियां विशेष तौर इस चावल की खरीदारी कर रही हैं। मेले में केरल से आई मार्कफैड के स्टॉल पर काली मिर्च, इलायची, लोंग, बड़ी इलायची, जावित्री, काजू, दालचीनी सहित केरल राज्य के विशेष उत्पाद लोगों के मन को भा रहे हैं। मेले में अलग-अलग दिनों में राजस्थान की कला एवं संस्कृति को समृद्ध बनाने वाले लोक उत्सव भी आयोजित किये जा रहे हैं। मंगलवार को मारवाड़ के लंगा लोक कलाकारों ने प्रस्तुुति के माध्यम से लोगों का दिल जीत लिया।