जयपुर, 5 दिसम्बर (मुखपत्र)। राजफैड ने खरीफ वर्ष 2022-23 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन-तिलहन की खरीद के बीच, कृषि जिंस खरीदने में गुणवत्ता और भंडारण के प्रति लापरवाही बरतने पर सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। राजफैड की ओर से खरीद कार्य में संलग्न क्रय विक्रय सहकारी समितियों से स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि कृषि जिंस खरीदने के दौरान गुणवत्ता से समझौता किया अथवा खरीदशुदा माल के भंडारण में देरी हुई जो इसका दायितव सम्बंधित समिति का होगा और इसके लिए सम्बंधित के खिलाफ विभागीय एवं कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
प्रबंध निदेशक, राजफैड श्रीमती उर्मिला राजौरिया की ओर से राजफैड के समस्त क्षेत्रीय अधिकारियों को प्रेषित पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राजफैड और नैफेड द्वारा केवल एफ.ए.क्यू. श्रेणी के गुणवत्ता मानदंडों के अनुरूप ही माल स्वीकार किया जायेगा। यदि कोई समिति नॉन-एफ.ए.क्यू. श्रेणी का माल खरीद करती है, तो उसका भुगतान राजफैड द्वारा नहीं किया जायेगा। नॉन-एफ.ए.क्यू. श्रेणी के माल की खरीद के लिए सम्बंधित समिति ही जिम्मेदार होगी और ऐसे माल का किसान को भुगतान करने या माल किसान को लौटाने का दायित्व भी मार्केटिंग सोसाइटी का ही होगा। राजफैड द्वारा साफ किया गया है कि नॉन-एफ.ए.क्यू. श्रेणी के माल का भंडारण नहीं किया जायेगा। इसके साथ ही राजफैड द्वारा नॉन-एफ.ए.क्यू. श्रेणी के माल की खरीदने वालों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही और कानूनी कार्यवाही करने की भी चेतावनी दी है।
सात दिवस में मूल रसीद भेजने के लिए पाबंद किया
राजफैड द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीद किये गये कृषि जिंस का मंडी से अविलम्ब उठाव कर, भंडारण के लिए निर्देशित करते हुए कहा गया है कि भंडारण के दिन ही ई-डब्ल्यूआर जारी की जाए और मूल भंडारण रसीदों को सात दिवस के भीतर राजफैड मुख्यालय में पहुंचाया जाये। नैफेड के आदेश का हवाला देते हुए राजफैड की ओर से कहा गया है कि विलम्ब से पहुंचायी जाने वाली रसीदें, नैफेड द्वारा स्वीकार नहीं की जाती और ऐसी सूरत में खरीद की गयी कृषि जिंस का पुनर्भरण भी नैफेड या भारत सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह सम्बंधित समिति की जिम्मेदारी है कि वो समय पर भण्डारण रसीदें बिना रिमाक्र्स प्राप्त कर, राजफैड को उपलब्ध करायें।
उल्लेखनीय है कि खरीफ वर्ष 2022्र-23 में तिलहन-दलहन की समर्थन मूल्य पर खरीद 1 नवम्बर से शुरू है, जो 90 दिन तक चलेगी।