नई दिल्ली, 16 अगस्त। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की सिंदरी परियोजना तथा बरौनी परियोजना की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार जल्द ही एचयूआरएल-बरौनी और सिंदरी संयंत्रों से यूरिया का उत्पादन शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ये दो संयंत्र यूरिया के स्वदेशी उत्पादन में 25 एलएमटीपीए से अधिक का योगदान देंगे, जिससे आयातित यूरिया की मात्रा को कम करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने अमोनिया/यूरिया के उत्पादन के लिए कोयला गैसीकरण प्रौद्योगिकी पर आधारित देश के पहले यूरिया संयंत्र तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (टीएफएल) की प्रगति की भी समीक्षा की। टीएफएल की उत्पादन क्षमता 12.7 एलएमटीपीए होगी और 2024 में इसकी कमीशनिंग होने की उम्मीद है।
यूरिया में आत्मनिर्भर होगा भारत
मनसुख मांडविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन संयंत्रों से स्वदेशी यूरिया का उत्पादन ‘आत्मनिर्भर भारतÓ और ‘आत्मनिर्भर कृषिÓ को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के केंद्रित प्रयासों से भारत यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा। साथ ही, इनमें से प्रत्येक संयंत्र 500 प्रत्यक्ष और 1500 अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा।
गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी यूनिट्स के पुनरुद्धार के लिए जॉइंट वेंचर कम्पनी
सरकार ने नामित सार्वजनिक उपक्रमों जैसे नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और फर्टिलाइजर्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल), हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचएफसीएल) के साथ जॉइंट वेंचर कम्पनी बनाकर नामांकन आधार से गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी यूनिट्स के पुनरुद्धार को अनिवार्य कर दिया है। इस तरह से हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड नामक संयुक्तउद्यम कम्पनी को एनटीपीसी, आईओसीएल और सीआईएल द्वारा 29.67 प्रतिशत की इक्विटी भागीदारी और गोरखपुर, सिंदरी तथा बरौनी में 12.7 एलएमटीपीए क्षमता वाला गैस आधारित अमोनिया यूरिया संयंत्र स्थापित करने के लिए एफसीआईएल द्वारा 11 प्रतिशत इक्टिवी भागीदारी के साथ शामिल किया गया है।
तालचर इकाई का भी पुनरुद्धार होगा
इसी प्रकार, सरकार ने नामांकित सार्वजनिक उपक्रमों यानी गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (आरसीएफ) और एफसीआईएल की एक संयुक्तउद्यम कम्पनी बनाकर नामांकन आधार के माध्यम से तालचर इकाई के पुनरुद्धार को भी अनिवार्य कर दिया। इस तरह तालचर फर्टिलाइजर लिमिटेड (टीएफएल) नामक एक संयुक्तउद्यम कम्पनी को गेल, आरसीएफऔर सीआईएल द्वारा 31.85 प्रतिशत की इक्विटी भागीदारी के साथ शामिल किया गया था जबकि एफसीआईएल ने 4.45 प्रतिशत इक्विटी बरकरार रखी थी।