पैक्स कर्मी कर रहे हैं ऑनलाइन ऋण वितरण का विरोध
जयपुर (मुखपत्र)। राज्य के सहकारी पैक्स/लैम्प्स कर्मियों ने फिर से आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। सहकारिता विभाग द्वारा किसानों को दिये जाने वाले अल्पकालीन फसली ऋण की व्यवस्था ऑनलाइन करने के विरोध में राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ से जुड़े पैक्स और लैम्प्स कर्मियों ने कार्य का बहिष्कार शुरू कर दिया है।
हाल ही में फसली ऋण वितरण एवं ऋण माफी योजना में केंद्रीय सहकारी बैंक व पैक्स कर्मियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थी। इन पर अंकुश लगाने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा 3 जून से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ऋण आवेदन लिये जाने की व्यवस्था शुरू की गयी है, हालांकि इससे एक दिन पहले, दो जून को ही पैक्स कर्मियों ने ऑनलाइन ऋण वितरण का विरोध शुरू कर दिया।
पैक्स कर्मियों को ऑनलाइन ऋण वितरण के लिए लागू की गयी पॉलिसी के कुछ बिन्दुओं पर आपत्ति थी। इसे लेकर रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के. पवन व अपेक्स बैंक प्रबंध निदेशक इन्दर सिंह से वार्ता का दौर चला। इसमें पैक्स कर्मियों को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया, लेकिन वार्ता विफल रही।
पुरानी मांगे भी जोड़ी
अब ऑनलाइन ऋण वितरण के विरोध के साथ-साथ राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ ने व्यवस्थापकों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतनमान स्वीकृत करने, नियोक्ता निर्धारण के मुद्दे पर फैसला लेने, पैक्स/लैम्प्स का कम्प्यूटरीकरण करने की मांग की मंग जोड़ दी है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष नंदलाल वैष्णव और महामंत्री नंदाराम चौधरी की ओर से बयान जारी कर अनिश्चिकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा की गयी है। हालांकि नये मांग पत्र में भी सहायक व्यवस्थापकों, सैल्समैन के लिए कोई मांग शामिल नहीं है। जबकि प्रदेश की पैक्स/लैम्प्स में इनकी संख्या व्यवस्थापकों से अधिक है।
यूनियन की बैठक 9 को
इसी विषय में रणनीति तय करने के लिए सहकारी कर्मचारियों के एक और संगठन- सहकारी साख समितियां एम्प्लाइज यूनियन राजस्थान की बैठक 9 जून को जयपुर में होगी। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सूरजभान सिंह आमेरा ने बताया कि बैठक में ऑनलाइन ऋण वितरण व्यवस्था पर खुली चर्चा के अलावा यूनियन की मुख्य मांग कैडर निर्धारण, सहायक व्यवस्थापकों की स्क्रीनिंग, फसली ऋण वितरण की एवज में बकाया ब्याज अनुदान, सहायक व्यवस्थापकों व सैल्समैन का वेतन निर्धारण आदि मुद्दों पर विचार विमर्श किया जायेगा।
ऑनलाइन आवेदन के लिए बी.सी.
सहकारिता विभाग ने अल्पकालीन फसली ऋण वितरण के लिए किसानों से ऑनलाइन आवेदन लेने व आधार अभिप्रमाणन के लिए समितियों के समक्ष बी.सी. बनने का प्रस्ताव रखा था, जिसे फिलहाल स्वीकार नहीं किया गया है। इसलिए अब यह कार्य ई-मित्र से करवाया जा रहा है। हालांकि राज्य में पहले से कई पैक्स भी बी.सी. के रूप में कार्य कर रही हैं। प्रदेश में इस साल 25 लाख किसानों को ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन बी.सी. के माध्यम से पोर्टल पर किसानों के आवेदन अपलोड करने का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है।