महात्मा गांधी हमारे गणतंत्र के लिए नैतिकता के प्रकाश-पुंज
नई दिल्ली, 25 जनवरी (एजेंसी)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि देश इस समय एक ऐसे महत्वपूर्ण मुकाम पर है, जहां आज के निर्णय और कार्यकलाप 21वीं सदी के भारत का स्वरूप निर्धारित करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में एकजुट होकर, अपने प्रयासों के बल पर, इस सदी को भारत की सदी बनाने का अवसर सबके सामने है। राष्ट्रपति ने 70वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, “राष्ट्र निर्माण की दृष्टि से आज का यह समय हम सबके लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना हमारे देशवासियों के लिए स्वतंत्र भारत का शुरुआती दौर था।”
उन्होंने कहा, “इसी वर्ष दो अक्टूबर को हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे। गांधीजी ने भारत ही नहीं अपितु एशिया, अफ्रीका तथा दुनिया के कई अन्य देशों में साम्राज्यवाद को खत्म करने के लिए, लोगों में आत्मविश्वास एवं प्रेरणा का संचार किया और उन्हें आजादी की राह दिखाई। बापू, आज भी, हमारे गणतंत्र के लिए नैतिकता के प्रकाश-पुंज हैं।”
संविधान, हमारे गणराज्य की आधारशिला
कोविंद ने कहा, “26 नवंबर को हम सब अपने ‘संविधान दिवस’ की 70वीं वर्षगांठ मनाएंगे। हमारा संविधान, हमारे गणराज्य की आधारशिला है। यह एक दूरदर्शी और जीवन्त दस्तावेज है। गणतन्त्र दिवस के अवसर पर, संविधान की रचना के प्रमुख शिल्पी, बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का योगदान विशेष रूप से स्मरणीय है।”
उन्होंने कहा, “17वीं लोकसभा के निर्वाचन के लिए होने वाले आम-चुनाव में हम सब अपने मताधिकार का इस्तेमाल, अपनी लोकतान्त्रिक मान्यताओं और मूल्यों के प्रति पूरी निष्ठा के साथ करेंगे। यह चुनाव, इस मायने में विशेष होगा कि 21वीं सदी में जन्म लेने वाले मतदाता, पहली बार, मतदान करेंगे और नई लोकसभा के गठन में अपना योगदान देंगे।”