जयपुर, 7 दिसम्बर (मुखपत्र)। राज्य सरकार ने ऋणी किसानों को राहत पहुंचाने और समस्त प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक के अवधिपार ऋणों की अधिकतम वसूली के लिए एकमुश्त समझौता योजना को मंजूरी दे दी है।
राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के प्रबंध निदेशक विजय कुमार शर्मा ने बताया कि प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा वितरित सभी प्रकार के कृषि, अकृषि ऋण, जो 1 जुलाई 2022 को अवधिपार श्रेणी में वर्गीकृत हो चुके हैं, इस योजना में शामिल किये जाएंगे। इस योजना का लाभ 31 मार्च 2023 तक उठाया जा सकेगा। एकमुश्त समझौता योजना के तहत, निर्धारित अवधि में अवधिपार ऋण का चुकारा करने पर, ऋणी को अवधिपार ब्याज, दंडनीय ब्याज, वसूली व्यय एवं अन्य व्यय पर 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी। 1 जुलाई 2022 के पश्चात जो भी चालू किश्तें ड्यू हुई हैं, उन पर कोई राहत प्रदान नहीं की जाएगी और इन किश्तों की पूरी राशि चुकानी होगी।
15 साल से पुराने खातों पर मिलेगी अधिक राहत
योजनानुसार, 15 साल एवं इससे अधिक अवधि वाले अवधिपार खातों में बकाया मूलधन के बराबर ही ब्याज वसूल किया जाएगा। समझौते वाले दिन तक, यदि बकाया ब्याज की राशि, बकाया मूलधन से अधिक होने पर केवल मूलधन के बराबर ही ब्याज वसूल किया जाएगा और शेष ब्याज, दंडनीय ब्याज व वसूली में राहत दी जाएगी।
मृतक प्रकरण में केवल मूलधन जमा करवाना होगा
ऋणी की मृत्यु वाले प्रकरण में, अवधिपार खाते में बकाया मूलधन के अतिरिक्त समस्त राशि यानी अवधिपार ब्याज, चालू ब्याज, दंडनीय ब्याज एवं वसूली व्यय की छूट दी जाएगी, लेकिन ऐसे खातों की शेष बकाया राशि का एकमुश्त चुकारा करना होगा। यदि संयुक्त ऋण खाता है और उसमें से किसी एक ऋणी की मृत्यु हो चुकी है, तो कुल राशि में से मृतक के हिस्से के अनुरूप राहत दी जाएगी।
25 प्रतिशत राशि जमा करवाना अनिवार्य
अवधिपार ऋणी द्वारा सर्वप्रथम समझौता राशि की 25 प्रतिशत आवश्यक रूप से जमा करवानी होगी एवं शेष राशि 31 मार्च 2023 से पूर्व जमा करवानी होगी। समझौते के समय 25 प्रतिशत राशि जमा करवाए जाने पर, समझौता अवधि तक, अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही स्थगित रहेगी, लेकिन यदि शेष 75 प्रतिशत राशि समझौता अवधि समाप्त होने से पूर्व जमा नहीं करवाने पर सम्बंधित प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक की ओर से ऋणी के विरूद्ध, ऋण की वसूली के लिए अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही पुन: शुरू कर दी जाएगी।
राज्य बैंक देगा सहयोग
श्री शर्मा ने बताया कि, इस योजना के तहत, ऋणी को राहत दिये जाने वाली समस्त राशि का 70 प्रतिशत भार सम्बंधित प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा ही वहन किया जाएगा, जबकि शेष 30 प्रतिशत राशि राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक (एसएलडीबी) द्वारा वहन की जाएगी, हालांकि राज्य भूमि विकास बैंक द्वारा 30 प्रतिशत राशि का वहन उसी स्थिति में किया जावेगा, जब दिनांक 30.06.2023 को प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक स्तर पर अवधिपार वसूली प्रतिशत, गत दो सहकारी वर्ष की अवधिपार वसूली प्रतिशत में से, अधिक वाली अवधिपार वसूली से अधिक हो।