नई दिल्ली, 15 मार्च। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) देश में व्यावसायिक रूप में बागवानी और कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए बैक-एंडेड पूंजी निवेश सब्सिडी योजनाएं संचालित करता है। इन योजनाओं के अंतर्गत निर्धारित लागत मानदण्ड के अनुसार विभिन्न घटकों के लिए 35 से 50 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जाता है।
एनएचबी की योजनाओं के तहत दस्तावेजीकरण और स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कृषकों की मांग पर विचार करते हुए इस मामले की कृषि और किसान कल्याण मंत्री द्वारा समीक्षा की गई और विधिवत गठित एक समिति की अनुशंसा के आधार पर, योजना का स्वरूप, दस्तावेजीकरण और स्वीकृति प्रक्रिया को और आसान बनाया गया। योजना का नया प्रारूप 15 मार्च से प्रभावी हो गया है।
सरकार का मानना है कि संशोधित की गई सरल प्रक्रिया न केवल जीओसी/सब्सिडी आवेदनों की मंजूरी के लिए समयसीमा को कम करेगी बल्कि न्यूनतम दस्तावेज की प्रक्रिया के साथ कृषक समुदाय को बहुत मदद करेगी। नई प्रणाली जीओसी की मंजूरी के लिए वर्तमान समय को 6-8 महीने से घटाकर 100 दिन से कम कर देगी।
अब आईपीए की आवश्यक नहीं
एनएचबी ने अब सैद्धांतिक अनुमोदन (आईपीए) और मंजूरी अनुदान (जीओसी) की दो चरणीय प्रणाली को समाप्त कर दिया है। अब आईपीए की आवश्यकता नहीं होगी और बैंक द्वारा सावधि ऋण की मंजूरी के बाद आवेदक सीधे एनएचबी को मंजूरी के लिए आवेदन करेगा। एनएचबी को ऑनलाइन दिए गए आवेदन की तारीख से 3 महीने के भीतर मंजूर हुए सावधि ऋण को वैध माना जाएगा।
इच्छुक आवेदकों के लिए अब आईपीए प्रणाली को लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी) से बदल दिया गया है ताकि वे अपनी प्रस्तावित परियोजना के लिए बैंकों/वित्तीय संस्थाओं से सावधि ऋण प्राप्त कर सकें। हालांकि आईपीए से अलग एलओसी अनिवार्य नहीं है और यह केवल उन आवेदकों को जारी किया जाएगा, जो प्रस्तावित परियोजना के लिए बैंकों/वित्तीय संस्थाओं से अपना सावधि ऋण प्राप्त करने के लिए एक सुविधा पत्र के रूप में इसे पाना चाहते हैं ।
अनावश्यक दस्तावेज हटाये गये
एलओसी/जीओसी आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिसमें आवेदनों की जांच और मंजूरी दोनों शामिल हैं। प्लेटफॉर्म को टाइमलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम के साथ सम्वर्धित किया गया है, ताकि हर कदम पर पहले से तय लक्ष्य समय-सीमा के आधार पर निगरानी की जा सके और प्रोसेसिंग अधिकारी/आवेदक को नियमित अंतराल पर इसकी सूचना भेजी जा सके और लम्बित मामलों में लग रहे समय के आधार पर उच्च स्तर के अधिकारियों की जांच के लिए तंत्र स्थापित किया गया है।
आवेदक एआईएफ या एनएचबी पोर्टल पर एलओसी/जीओसी के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र होंगे। यदि एआईएफ के तहत ऋण मंजूर किया जाता है, तो एपीआई के माध्यम से एआईएफ पोर्टल से सम्पूर्ण डेटा प्राप्त किया जाएगा और अतिरिक्त न्यूनतम आवश्यक विवरण, यदि कोई हो उसे आवेदक द्वारा ऑनलाइन भरा जाएगा और एनएचबी पोर्टल पर सुरक्षित किया जाएगा।
संक्षिप्त टेम्पलेट का पालन
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड अब डीपीआर और बैंक मूल्यांकन नोट के लिए एआईएफ पर उपलब्ध टेम्पलेट को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए संक्षिप्त टेम्पलेट का पालन करेगा। आवेदन जमा करने के बाद, स्वचालित रूप से आवेदक को एक ईमेल और साथ ही ऋण देने वाले बैंक को एक उत्तर/पुष्टिकरण लिंक भी भेजा जाएगा। सम्बंधित बैंक को दस्तावेज की प्रामाणिकता की ऑनलाइन पुष्टि करनी होगी। बैंक द्वारा दस्तावेज की पुष्टि के आधार पर एनएचबी जीओसी जारी करेगा।
मोबाइल ऐप से स्वनिरीक्षण
जीओसी के लिए जमीनी स्तर पर निरीक्षण के चरण को मोबाइल ऐप आधारित स्व-निरीक्षण से बदल दिया गया है। जीओसी आवेदनों पर प्रश्न, यदि कोई हो तो उसे आवेदक/बैंक को स्वचालित रूप से सिस्टम/ईमेल द्वारा सूचित किया जाएगा। सब्सिडी दावे के दस्तावेज भी बैंक/आवेदक द्वारा ऑनलाइन जमा किए जाएंगे।