नंदुबार (महाराष्ट्र), 12 जनवरी (एजेंसी)| हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शनिवार को कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा है और इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि से ही किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है।
आचार्य देवव्रत महाराष्ट्र के नंदुरबार के अंतर्गत नवनाथ नगर में ‘बीज स्वावलंबन के लिए गठबंधन’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोल रहे थे। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में वह बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। कार्यक्रम का आयोजन महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, अक्षय खेती संस्थान और डॉ. हेडगेवार सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
उन्होंने कहा, “रासायनिक खेती से किसानों की आर्थिकी मजबूत नहीं कि जा सकती। मौजूदा समय में रासायनिक खेती ने किसानों की जमीन बंजर बना दी है, उत्पादन घट रहा है और किसान ऋण के बोझ तले आत्महत्या करने को मजबूर हैं। दूसरी तरफ जैविक कृषि भी इतनी महंगी है कि किसान को इससे भी लाभ नहीं है।”
राज्यपाल ने कहा कि पद्मश्री सुभाष पालेकर द्वारा किसानों को प्राकृतिक कृषि के तौर पर विकल्प दिया गया है। पिछले 10 वर्षो से वह स्वयं भी इस पद्धति को गुरुकुल कुरुक्षेत्र के कृषि फार्म में अपना रहे हैं। विभिन्न विश्वविद्यालय में जांच के बाद अब यह प्रमाणित हो चुका है कि प्राकृतिक कृषि से ही किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक कृषि को पूर्ण रूप से अपनाया है और हजारों किसान इसे कर रहे है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक हिमाचल को देश का कृषि राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इससे पूर्व, महात्मा फुले विद्यापीठ के कुलपति डॉ. के. पी. विश्वनाथ ने राज्यपाल का स्वागत किया।