मधुमक्खी पालन क्षेत्र पर राष्ट्र स्तरीय सम्मेलन का आयोजन
नई दिल्ली, 25 जनवरी। राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) ने भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नैफेड), भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सहयोग से 24 जनवरी 2022 को मधुमक्खी पालन क्षेत्र पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू)/ केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों (सीएयू), मधुमक्खी पालकों और मधुमक्खी पालन व्यवसाय से जुड़े अन्य हितधारकों आदि के 600 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
सम्मेलन में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) की चर्चा करते हुए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में अपर सचिव डॉ. अभिलाक्ष लिखी ने कहा, यह देश में वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन के समग्र विकास और प्रचार के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। एनबीएचएम का कार्यान्वयन देश में “मीठी क्रांति” के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
मधुक्रांति पोर्टल लॉन्च
श्री लेखी ने कहा कि एनबीएचएम शहद में मिलावट से निपटने के लिए शहद के लिए ढांचागत सुविधा में कमी को दूर करने और सीमांत मधुमक्खी पालकों को संगठित तरीके से जोडऩे में मदद करेगा। एनबीबी ने शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पादों जैसे मधुमक्खी पराग, मधुमक्खी का मोम, मधुमक्खी का जहर, एक विशेष प्रकार का पौधा (प्रोपोलिस) आदि का पता लगाने की क्षमता बढ़ाने के लिए मधुक्रांति पोर्टल लॉन्च किया है। एनबीएचएम का उद्देश्य देश के सभी हिस्सों में शहद परीक्षण प्रयोगशाला का एक नेटवर्क बनाना है और इसके लिए मधुमक्खी पालकों के 100 एफपीओ केंद्र के रूप में काम करेंगे। उन्होंने शहद क्षेत्र में बेहतर स्थायित्व बनाए रखने के लिए शहद एफपीओ सहित मधुमक्खी पालन समिति/सहकारिता/फर्मों को सुझाव दिया।
मधुमक्खी के अन्य उत्पादों पर भी फोकस करें
अपर आयुक्त(बागवानी) और कार्यकारी निदेशक (एनबीबी) डॉ. एन. के. पटले ने मधुमक्खी पालकों की आय बढ़ाने के लिए सलाह दी कि शहद के उत्पादन के साथ-साथ अन्य मधुमक्खी उत्पादों जैसे रॉयल जेली, मधुमक्खी पराग, मधुमक्खी वैक्स, मधुमक्खी जहर, एक विशेष प्रकार का पौधा (प्रोपोलिस) आदि का भी उत्पादन किया जाना चाहिए।
65 एफपीओ बना रहा है नेफेड
नेफेड के अपर प्रबंध निदेशक पंकज प्रसाद और महाप्रबंधक उन्नीकृष्णन ने बताया कि नेफेड मधुमक्खी पालकों/शहद प्रसंस्करणकर्ताओं के 65 समूह/किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बना रहा है। ये 65 एफपीओ उत्तर-पश्चिम से उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों को जोडऩे वाले हनी कॉरिडोर का हिस्सा होंगे। ऑर्गेनिक एंड स्पेशियलिटी (आईएसएपी) के प्रमुख आशीष तिवारी ने बताया कि नेफेड द्वारा 5 एफपीओ का गठन/पंजीकरण पहले ही किया जा चुका है।
एनडीडीबी भी हनी एफपीओ के लिए प्रयासरत
नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड के अभिजीत भट्टाचार्य ने कहा कि एनडीडीबी की सोच हनी एफपीओ बनाने की है, जो डेयरी सहकारी समितियों/दुग्ध संघों के पास उपलब्ध ढांचागत सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए डेयरी सहकारी समितियों के अनुरूप होगी।
115 लाख रुपए के शहद का निर्यात
ट्राईफेड की महाप्रबंधक श्रीमती सीमा भटनागर ने बताया कि ट्राईफेड पहले से ही देश के आदिवासी हिस्सों में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने और जंगली शहद की खरीद में शामिल है। उन्होंने बताया कि ट्राईफेड ने 2020-21 के दौरान विभिन्न देशों को 115 लाख रुपए के शहद का निर्यात भी किया है।