धारापुरम (तमिलनाडु), 24 जनवरी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने अपने तमिलनाडु दौरे के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है। धारापुरम में रविवार को आयोजित रैली में राहुल ने कहा- ‘हम नरेंद्र मोदी को भारत की नींव को नष्ट करने की अनुमति नहीं देंगे। वह नहीं समझते हैं कि केवल तमिल लोग ही तमिलनाडु के भविष्य का फैसला कर सकते हैं। नागपुर का ‘निकरवाला’ कभी भी राज्य का भविष्य तय नहीं कर सकता है।
तमिलनाडु में आगामी तीन माह में राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले राहुल गांधी राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन रविवार इस दौरान वह कई जगहों पर रैलियां और रोड शो कर रहे हैं।
‘चीन का नाम तक नहीं ले रहा 56 ईंच सीने वाला शख्स’
इससे पहले इरोड़ में सभाओं को सम्बोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाए कि मोदी महज पांच या छह उद्यमियों के लिए देश का शासन चला रहे हैं। पश्चिमी जिलों में प्रचार अभियान पर निकले गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों, मजदूरों या सूक्ष्म, लघु या मध्यम श्रेणी के उद्यमियों के लिए नहीं है, जो देश का भाग्य हैं। उन्होंने कहा, ‘पहली बार भारत के लोग देख रहे हैं कि चीन की सेना भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा कर रही है। आज हम जब यहां बात कर रहे हैं, उस समय हजारों चीनी सैनिक हमारे क्षेत्रों पर कब्जा कर रहे हैं और 56 ईंच सीने वाला व्यक्ति चीन का नाम तक नहीं ले सकता है। यह हमारे देश की हकीकत है।’
‘बीजेपी को नहीं करने देंगे तमिल संस्कृति का अपमान’
लोगों से खुद को जोडऩे और बीजेपी पर प्रहार करने के लिए ‘तमिल भाषा और संस्कृतिÓ का जिक्र करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह दिल्ली में तमिल लोगों का रखवाला बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह भगवा दल को तमिल संस्कृति का अपमान नहीं करने देंगे। एक रोड शो के दौरान कुछ स्थानों पर लोगों को सम्बोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह लोगों पर एक संस्कृति और एक भाषा थोप रही है और तमिलनाडु को ‘दूसरे दर्जे का स्थान’ बना रही है।
‘मन की बात’ पर किया तंज
पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम पर राहुल गांधी ने निशाना साधा। उन्?होंने कहा कि तमिलनाडु का उनका दौरा लोगों को अपने ‘मन की बात’ कहने के लिए नहीं है या उन्हें सलाह देने या उन्हें क्या करना चाहिए, इस बारे में बताने के लिए नहीं है बल्कि उनकी बात सुनने के लिए है, उनकी समस्याएं समझने और उनका समाधान करने के लिए है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के इतिहास और भाषा से शेष भारत काफी कुछ सीख सकता है। (सोर्स-एनबीटी)