जयपुर, 2 अक्टूबर (मुखपत्र)। स्वच्छता मिशन और ग्रामीण समृद्धि के अधिदेश की पूर्ति के लिए नाबार्ड ने 3 करोड़ घरों में शौचालयों के निर्माण हेतु 15000 करोड़ रुपये स्वीकृत कर भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में सहयोग किया है।
इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए नाबार्ड 2 अक्टूबर 2020 से 26 जनवरी 2021 के दौरान अखिल भारतीय स्तर पर स्वच्छता साक्षरता अभियान का आयोजन कर रहा है। इसके अंतर्गत देश के 2000 गांवों को कवर किया जाएगा। इस अभियान में राजस्थान के सभी जिलों के 150 गांवों कवर किए जाने का प्रस्ताव है। इस अभियान की शुरुआत राज्य एवं नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धकों (डीडीएम) के सहयोग से जिला स्तर पर आज 2 अक्टूबर को की गई। अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण आबादी में घरेलू शौचालयों के व्यापक उपयोग और स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
अखिल अरोड़ा ने की अभियान की औपचारिक शुरूआत
इस अभियान के दौरान ऑडियो विजुअल माध्यमों यथा फिल्म, ब्रोशर, पोस्टर, जिंगल आदि का प्रयोग कर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जायेगा। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने शुक्रवार को अभियान की औपचारिक शुरुआत करते हुए तत्सम्बंधी पोस्टर तथा लीफलेट जारी किए तथा नाबार्ड को इस कार्यक्रम की सफलता की शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर नाबार्ड राजस्थान के मुख्य महाप्रबंधक जयदीप श्रीवास्तव ने सभी हितधारकों, जिला स्तर से जुड़े ग्रामवासियों एवं नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धकों को स्वच्छता साक्षरता अभियान के उद्देश्यों के विषय में संबोधित किया। इस अवसर पर राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के अधिकारी भी उपस्थित थे।
2014 में आरंभ हुआ था स्वच्छ भारत मिशन
वर्ष 2014 में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के कारण देश को पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) होने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस अभियान को जारी रखते हुये अब ओडीएफ+ के इस वर्तमान चरण में स्वच्छता जागरूकता पर बल दिया जाएगा। इन प्रयासों से ग्रामीणों के जीवन स्तर की गुणवत्ता बेहतर होने के साथ ही साथ पर्यावरण की स्वच्छता में भी गुणात्मक सुधार आएगा, जो कोविड-19 महामारी की इस वर्तमान परिस्थिति में विशेष रूप महत्वपूर्ण है।