अनुसंधान एवं प्रशिक्षण पर साझा काम करेंगे
बीकानरे, 5 जुलाई (मुखपत्र)। वेटरनरी विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार के बीच शनिवार को अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में आपसी सहयोग और समन्वय के लिए एम.ओ.यू. हुआ।
कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र एवं राजुवास देश के नामित संस्थानों में से हंै जो कि निरन्तर पशुपालकों के हितो हेतु अनुसंधान एंव प्रशिक्षण का कार्य कर रहे हैं। इस एम.ओ.यू. के माध्यम से दोनों संस्थाएं आपस में उपलब्ध संस्थानों एवं वैज्ञानिक कौशल का समुचित उपयोग कर सकेंगी, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान परिणाम मिलेंगे। यह आपसी करार विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं पशुपालकों के हित में सहायक होगा।
प्रो. शर्मा ने अनुसंधान के अलावा पशुपालन डिप्लोमाधारकों एवं पशुचिकित्सकों के लिए सर्टिफिकट पाठ्यक्रम शुरू करने की इच्छा व्यक्त की। कुलपति ने कहा कि दोनों संस्थाएं भविष्य में संयुक्त शोध परियोजनाएं शुरू कर सकेंगी, इससे प्रयोगशालाओं के सुदृड़ीकरण में मदद मिलेगी एवं पशुपालकों के हितों हेतु नवीनतम तकनीक खोज में सहायता मिलेगी।
विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
अश्व अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. यशपाल शर्मा ने कहा कि यह आपसी करार दोनो संस्थानों के लिए बहुत लाभकारी रहेगा। इससे संयुक्त रूप से अनुसंधान परियोजनाओं को शुरू करने के लिए बल मिलेगा। विद्यार्थी दोनों संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों का शोध कार्य हेतु उपयोग कर सकेंगे तथा दोनों संस्थानों में शोध एवं अन्य परियोजनाओं के लिए वैज्ञानिक कौशल एवं ज्ञान का पारस्परिक उपयोग कर सकेंगे। अपने शोध परिणामों को उच्च मानक वाले जनरल एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित कर सकेंगे।
इस अवसर पर अश्व अनुसंधान केन्द्र हिसार के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर.के. गोयल, अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर के प्रभारी अधिकारी डॉ. एस.सी. मेहता, अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर.ए. लेद्या, अधिष्ठाता वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर प्रो. आर.के. सिंह, प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूडिय़ा, निदेशक पी.एम.ई. प्रो. अंजु चाहर, निदेशक एच.आर.डी. प्रो. ए.के. कटारिया, विशेषाधिकारी डॉ. गोविन्द सिंह एवं प्रो. बी.एन. श्रृंगी उपस्थित थे।