गांवों और ढाणियों में टैंकर्स से किया जा रहा जल परिवहन
जयपुर, 15 मई (मुखपत्र)। आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने बताया कि गर्मी के मौसम के दृष्टिगत राजस्थान भर में पशु संरक्षण एवं पेयजल परिवहन की गतिविधि प्रभावी तरीके से संचालित की जा रही हैं। अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध करवाना और पशुओं के लिए चारा उपलब्धता सुनिश्चित करना, राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसमें किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।
श्री मेघवाल ने रविवार को बताया कि आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पशु शिविर एवं चारा डीपो संचालित करने के दिशा-निर्देश 10 जनवरी को जारी कर दिए गए। इसकी अनुपालना में अब तक जैसलमेर में 738, बाड़मेर में 286, जोधपुर में 3 और पाली में 2, कुल 1029 पशु शिविर स्वीकृत किए गए हैं। इसी प्रकार बाड़मेर में 49, बीकानेर में 44, जोधपुर में 39 तथा पाली में 66 सहित कुल 198 चारा डीपो स्वीकृत किए जा चुके हैं। चारा की कालाबाजारी रोकने के लिए विभाग द्वारा 4 मई को सभी जिला कलक्टर्स को दिशा-निर्देश जारी करते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि गौशाला को छोड़कर कोई भी व्यापारी 100 मेट्रिक टन से अधिक चारा भंडारण नहीं करेगा।
केंद्र सरकार ने अनुरोध, चारे को ईसी एक्ट के दायरे में लाया जाए
मंत्री ने बताया कि अन्य राज्यों एवं जिलों से चारे की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गृह विभाग को निर्देशित किया गया है। चारे की उपलब्धता एवं दरों के सम्बंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए मध्यप्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब में दल भिजवाए गए हैं। मध्यप्रदेश एवं हरियाणा से आने वाले चारे को राजस्थान में निर्बाध रूप से आने देने के लिए पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में चारे को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार को निवेदन किया गया है।
अंतिम छोर तक पेयजल पहुंचाने का दावा
आपदा प्रबंधन मंत्री ने दावा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा एवं स्पष्ट निर्देशानुसार, कोई भी व्यक्ति पेयजल के अभाव में प्यासा नहीं रहे, इसके मद्देनजर प्रदेश की दूरस्थ गांव-ढाणियों में टैंकर्स के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश के 3440 गांव और 4639 ढाणियों में 1887 टैंकर्स द्वारा जल परिवहन किया जा रहा है। इसी प्रकार 62 शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 529 टैंकर्स द्वारा जलापूर्ति की जा रही है। पाली में विशेष ट्रेन से जलापूर्ति की जा रही है।