नई दिल्ली, 25 नवम्बर। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संकटग्रस्त लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) में विलय के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को बताया कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय के आदेश दिए थे।
आरबीआई करे दोषियों पर कार्रवाई
जावड़ेकर ने कहा कि बैंक के किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को देखते हुए रिजर्व बैंक से कहा गया है कि दोषियों को सजा होनी चाहिए और ऐसी घटनाएं की पुनरावृत्ति नहीं होने देने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाये।
आरबीआई ने लगाया प्रतिबंध
भारतीय रिजर्व बैंक ने 17 नवंबर 2020 को लक्ष्मी विलास बैंक को एक महीने के मोरेटोरियम पर डाल दिया था। आरबीआई ने बैंक को आदेश दिया था कि अगले एक महीने तक बैंक से कोई भी ग्राहक 25 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल पाएगा। आपात स्थिति में सुबूत पेश कर बैंक से 5 लाख रुपये निकाले जा सकते हैं। केंद्रीय बैंक के इस फैसले का असर बैंक के शेयरों पर दिख रहा है। लक्ष्मी विलास बैंक के शेयर 10 रुपये की बेस प्राइस से भी नीचे चले गये हैं।
पूंजी पर्याप्तता अनुपात मात्र 0.17 प्रतिशत
लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय हालत पिछले तीन साल से खराब है। जून 2020 में बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 0.17 फीसदी तक पहुंच गया था, जबकि इसे कम से कम 9 प्रतिशत होना चाहिए था। वित्त वर्ष 2020 तक बैंक का ऋण बकाया 13,827 करोड़ रुपये और जमायें 21,443 करोड़ रुपये थी।