जयपुर, 21 जुलाई। राजस्थान सरकार के बड़बोले मंत्री और गाहे-बगाहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राज्य सरकार पर निशाना साधते चले आ रहे ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को राज्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। सीएम गहलोत की सिफारिश पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार देर शाम गुढ़ा को मंत्री परिषद से बर्खास्त कर दिया। राजेंद्र सिंह बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर उदयपुरवाटी से विधायक चुने गये थे। बाद में गहलोत को समर्थन देकर सरकार के साथ आ गये। उन्हें गहलोत का कट्टर समर्थक माना जाता था, लेकिन पिछले डेढ़ साल से वे निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट के खेमे में हैं। वे पिछले एक साल से सीएम गहलोत व अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं।
शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में गुढ़ा ने राजस्थान में महिला उत्पीड़न के लिए अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उस समय कांग्रेस के विधायक मणिपुर हिंसा के मामले में भाजपा का विरोध कर रहे थे। कांग्रेस विधायकों ने मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना के विरोध में विधानसभा में तख्तियां लहराई थीं। गुढ़ा की बयानबाजी से न केवल भाजपा को काउंटर अटैक को अवसर मिल गया, बल्कि सरकार की भी किरकिरी हुई।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस में गुढ़ा की इस हरकत को बड़ी गम्भीरता से लिया गया। गहलोत ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंद्र रंधावा को गुढ़ा की बयानबाजी, अनुशासनहीनता और पार्टी लाइन से हटकर बोलने की पिछली घटनाओं पर विस्तार से चर्चा की और एक्शन लिये जाने की जरूरत बतायी। रंधावा ने दिल्ली बैठे कांग्रेस हाईकमान को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया और वहां से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद गुढ़ा को मंत्रीपरिषद से बर्खास्त करने की कार्यवाही की गयी।
एक साल से अपनी ही सरकार पर हमलावर थे
गुढ़ा ने पिछले एक साल में सरकार और सीएम गहलोत पर हमला करने का कोई मौका नहीं गंवाया। वे 2 जुलाई को जयपुर में सभा करने आये एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन आवैसी से भी मिले थे। तब से कयास लगाये जा रहे थे कि गुढ़ा अब नये ठिकाने की तलाश में हैं। उल्लेखनीय है कि पेपरलीक के खिलाफ सचिन पायलट की यात्रा के समापन पर राजेंद्र गुढ़ा ने गहलोत सरकार पर खुलकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा था कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है, भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सरकार का अलाइन्मेंट खराब है।
बसपा से जीते, फिर कांग्रेस में विलय
गहलोत की पिछली सरकार के वक्त राजेंद्र गुढ़ा ने ही खुद सहित छह बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय कराने में बड़ा रोल निभाया था। साल 2018 में भी गहलोत सरकार बनते ही गुढ़ा सहित सभी छहों बसपा से आने वाले विधायकों ने गहलोत सरकार को समर्थन दिया था। बाद में सितंबर 2019 में सभी 6 विधायकों ने कांग्रेस में विलय कर दिया था। शुरू में गहलोत ने इन विधायकों को मंत्री नहीं बनाया था। नवंबर 2021 में राजेंद्र गुढ़ा को राज्य मंत्री बनाया था, परन्तु वे इससे अधिक यानी केबिनेट मंत्री की इच्छा पाले हुए थे। इसलिए उन्होंने लंबे समय तक सचिवालय में चार्ज तक नहीं लिया था। गुढ़ा गहलोत के पिछले कार्यकाल में भी राज्य मंत्री थे।