नई दिल्ली, 23 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत 40 लाख से अधिक सम्पत्ति कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिससे गांवों में आवासों और भूमि के उचित सीमांकन में मदद मिल रही है। विशिष्ट भूमि पहचान पिन जैसे उपायों से राजस्व विभाग पर ग्रामीणों की निर्भरता कम होगी। उन्होंने राज्य सरकारों से भूमि अभिलेखों और सीमांकन समाधानों को आधुनिक तकनीक से जोडऩे के लिए समय-सीमा के साथ काम करने को कहा। वे बुधवार को ग्रामीण विकास पर केंद्रीय बजट के सकारात्मक प्रभाव पर एक वेबिनार को सम्बोधित कर रहे थे। यह इस सीरीज का दूसरा वेबिनार है। इस अवसर पर सम्बंधित केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि और अन्य हितधारक उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में सरकार द्वारा, सैचुरेशन के इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप दिया गया है। बजट में पीएम आवास योजना, ग्रामीण सड़क योजना, जल जीवन मिशन, नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी, गांवों की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, ऐसी हर योजना के लिए जरूरी प्रावधान किया गया है। बजट में जो वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम घोषित किया गया है, वो हमारे सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए बहुत अहम है।
जल जीवन मिशन में 4 करोड़ कनेक्शन का लक्ष्य
पीएम मोदी ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत लगभग 4 करोड़ कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। इस टारगेट को हासिल करने के लिए आपको अपनी मेहनत और बढ़ानी होगी। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया करते हुए कहा कि जो पाइपलाइन बिछ रही हैं, जो पानी आ रहा है, उसकी क्वालिटी पर भी हमें बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। हमें 2024 तक हर घर में नल का पानी पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों की डिजिटल कनेक्टिविटी अब एक एस्पिरेशन भर नहीं है, बल्कि आज की जरूरत है। उन्होंने कहा, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से गांवों में सुविधा मिलेंगी और ये गांवों में स्किल्ड युवाओं का एक बड़ा पूल तैयार करने में भी मदद करेगा।
एसएचजी से महिलाओं की भागीदारी बढायी जाए
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक बड़ा आधार हमारी महिला शक्ति है। उन्होंने कहा, फाइनेंशियल इंक्लुजन ने परिवारों में महिलाओं की आर्थिक फैसलों में अधिक भागीदारी सुनिश्चित की है। सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के माध्यम से महिलाओं की इस भागीदारी को और ज्यादा विस्तार दिए जाने की जरूरत है।
गांव का जन्मदिन मनाएं
प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि गांव के जन्मदिन के रूप में एक दिन तय करने और गांव की समस्याओं को हल करने की भावना के साथ इसे मनाने से लोगों का अपने गांव से लगाव मजबूत होगा और ग्रामीण जीवन समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा प्राकृतिक खेती के लिए कुछ किसानों का चयन करने, कुपोषण को दूर करने के बारे में निर्णय लेने वाले गांवों और बीच में पढ़ाई छोडऩे को नियंत्रित करने जैसे उपायों से भारत के गांवों के लिए बेहतर परिणाम सामने आएंगे।