राष्ट्रीय

भारत के सबसे बड़े लेबर रिफॉर्म की शुरूआत, देश में आज से 4 नए लेबर कोड लागू

महिलाओं को मिलेगी पुरुषों के बराबर सैलरी, ओवरटाइम करने पर दुगने वेतन की गारंटी, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और ग्रेच्यूटी भी मिलेगी

नई दिल्ली, 21 नवम्बर। शुक्रवार का दिन भारत के श्रमिकों के लिए आशा का नया सवेरा लेकर आया। केंद्र सरकार ने आज से चार श्रम संहिताओं को लागू कर दिया, जो 29 पुराने श्रम कानूनों की जगह लेगी। श्रम संहिताओं के माध्यम से देश के 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और न्यूनतम वेतन सुनिश्चित होगा, श्रमिकों को समान वेतन, नियुक्ति पत्र, ग्रेच्युटी, मुफ्त स्वास्थ्य जांच और ओवरटाइम दुगना वेतन की गारंटी दी गई है।

केंद्रीय श्रम और रोजग़ार मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को घोषणा की कि भारत सरकार ने चार श्रम संहिताओं- वेतन संहिता-2019, औद्योगिक संबंध संहिता-2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्त संहिता-2020 को 21 नवंबर, 2025 से लागू कर दिया है। ये श्रम संहिताएं वर्तमान में लागू 29 श्रम कानूनों की जगह लेगी। श्रम मंत्रालय के अनुसार, नई श्रम संहिताओं के लागू होने से देश में 40 करोड़ से अधिक श्रमिक लाभान्वित होंगे।

नए कानूनों में श्रमिकों को मिलेंगे ये लाभ

– सभी कामगारों को समय से न्यूनतम वेतन की गारंटी

– महिलाओं को समान वेतन और सम्मान की गारंटी

– युवाओं को नियुक्ति पत्र की गारंटी

– 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी

– फिक्स टर्म एम्प्लॉइज को एक साल बाद ग्रेच्युटी की गारंटी

– 40 साल से अधिक आयु वाले श्रमिकों को हर साल नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की गारंटी

– ओवरटाइम करने पर दुगने वेतन की गारंटी

 

– जोखिम-भरे क्षेत्रों के कामगारों को 100 प्रतिशत हेल्थ सिक्युरिटी की गारंटी

– इंटरनेशनल मानकों के अनुरूप श्रमिकों को सामाजिक न्याय की गारंटी

मोदी और शाह ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने चार लेबर कोड लागू कर दिए हैं। देश की स्वतंत्रता के बाद यह श्रमिकों के हित में किया गया सबसे बड़ा रिफॉर्म है। यह देश के कामगारों को बहुत सशक्त बनाने वाला है। इससे जहां नियमों का पालन करना बहुत आसान होगा, वहीं ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा मिलेगा। ये कोड श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, समय पर वेतन और सुरक्षित कार्यस्थल की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

साथ ही, ये बेहतर और लाभकारी अवसरों के लिए एक सशक्त नींव भी बनाएंगे। इन श्रम सुधारों के जरिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार होगा, जो भविष्य में कामगारों के अधिकारों की रक्षा करेगा और आर्थिक वृद्धि को नई शक्ति देगा. इससे नौकरियों के नए-नए अवसर बनेंगे, प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी।

 

ये संहिताएँ श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाएँगी

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया के माध्यम से शुभकामनायें देते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनीं ये संहिताएँ श्रम कानूनों के इतिहास का सबसे बड़ा रिफॉर्म है। श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, समाजिक सुरक्षा, महिला श्रमिकों को समान अवसर की गारंटी तथा गिग और असंगठित श्रमिकों को कानूनी पहचान देने वाली ये संहिताएँ श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाएँगी। साथ ही, विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण को भी गति देकर दुनिया के श्रम कानूनों के लिए रोल मॉडल बनेंगी।

(चित्र बिजनेस टुडे से साभार)

 

 

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