चेन्नई, 6 दिसम्बर। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत ड्रोन तकनीक का हब बनेगा और भारत को अगले साल तक कम से कम 1 लाख ड्रोन पायलट की आवश्यकता होगी। वे आज चेन्नई में ‘ड्रोन यात्रा 2.0’ को झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने भारत की सबसे बड़ी ड्रोन निर्माण सुविधा, गरुड़ एयरोस्पेस द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों की सराहना की। निर्माण सुविधा केंद्र को देखने के क्रम में मंत्री ने गरुड़ किसान ड्रोन के उन्नत उपकरण और निर्माण प्रक्रिया देखी, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी द्वारा इस साल के शुरुआत में किया गया था। सुविधा केंद्र में इंजीनियरों ने मंत्री को उन्नत ‘मेक इन इंडिया’ ड्रोन के कामकाज के बारे में विस्तार से बताया।
10 करोड़ किसानों को लाभ होगा
अनुराग सिह ने कहा कि ड्रोन सेक्टर 2023 में कृषि क्षेत्र में 3 अरब डॉलर की वृद्धि करेगा और इससे 10 करोड़ किसानों को लाभ होगा। मंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के एक भाग के रूप में, (गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण इलाकों में तात्कालिक तकनीक के साथ मानचित्रण) गांवों में जमीनों और घरों का सर्वेक्षण ड्रोन के जरिए किया जा रहा है। गावों के खेतों में कीटनाशकों और नैनो उर्वरकों के छिड़काव के लिए ड्रोन के उपयोग में तेजी आ रही है। उन्होंने कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। यह परिकल्पना की गई है कि ये ड्रोन खेतों में कीटनाशकों के उपयोग को सुव्यवस्थित करने में मदद करेंगे, जिससे हमारे किसानों की लाभ-प्राप्ति में और सुधार होगा।

ड्रोन तकनीक को प्रोत्साहन दे रहे हैं 12 केंद्रीय मंत्रालय
ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार तीन आयामी दृष्टिकोण से अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकी और सेवा की मांग को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। प्रभावी नीति यानि नए ड्रोन नियम, 2021, ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए पीएलआई के रूप में प्रोत्साहन प्रदान करना और स्वदेशी मांग पैदा करना, जिसके लिए केंद्र सरकार के 12 मंत्रालयों को इसे आगे बढ़ाने का काम दिया गया है।
सालाना 6 हजार करोड़ रुपये का कारोबार सम्भव
उन्होंने कहा कि भारत को 2023 में कम से कम 1 लाख पायलटों की आवश्यकता होगी, प्रत्येक पायलट कम से कम 50-80 हजार रुपये प्रति महीने कमाएगा। यदि 50,000 रुपये का औसत भी लें तो ड्रोन क्षेत्र में 1 लाख युवाओं के लिए एक साल में 6000 करोड़ रुपये सालाना का रोजगार सृजित किया जा सकता है।
एक लाख ‘मेड इन इंडिया’ ड्रोन बनाने की योजना
उन्होंने इस बात की सराहना की कि गरुड़ एयरोस्पेस की अगले दो वर्षों में एक लाख ‘मेड इन इंडिया’ ड्रोन बनाने की योजना है। गरुड़ के ड्रोन कौशल और प्रशिक्षण सम्मेलन को देश भर के 775 जिलों में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के 10 लाख युवाओं तक पहुंचने की उम्मीद है। एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य, न केवल ड्रोन इकोसिस्टम को प्रभावित करना तथा युवाओं के लिए रोजगार पैदा करना है, बल्कि इससे कृषि, खनन, सरकारी विभागों और अन्य उद्योगों पर भी प्रभाव पड़ेगा। वर्तमान में देश में 200 से अधिक ड्रोन स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं।
मंत्री ने पहले ड्रोन कौशल तथा प्रशिक्षण सम्मलेन के उद्घाटन के अवसर पर एक ड्रोन का परिचालन किया और ड्रोन पायलट प्रशिक्षण पूरा करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।