राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019
श्रीगंगानगर, 13 मार्च (मुखपत्र)। राजस्थान सरकार की कृषक ऋण माफी योजना 2019 में डाटा फीडिंग के दौरान हुई त्रुटियों को अब दूर किया जा सकेगा। सहकारिता विभाग द्वारा केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रधान कार्यालय को डिलीट ऑप्शन की सुविधा प्रदान कर दी गयी है।
जानकारी के अनुसार, ऋण माफी योजना के दौरान डाटा फीडिंग से लेकर आधार प्रमाणीकरण के पश्चात भी यदि कोई त्रुटि सामने आती है तो उसे प्रधान कार्यालय स्तर पर डिलीट किया जा सकेगा।
सरकार द्वारा ऋण माफी योजना 2019 में आधार प्रमाणीकरण की अनिवार्यता लागू की गयी है। केवल उन्हीं किसानों का फसली ऋण माफ किया जा रहा है जिनका आधार आधारित प्रमाणीकरण हो रहा है। चूंकि, ऋण माफी योजना 2019 की समस्त डाटा फीडिंग सोसायटी स्तर के रिकार्ड के आधार पर की गयी है, इसलिए प्रथमत: सोसायटी के आवेदन पर त्रटियुक्त डाटा को डिलीट किया जा सकेगा।
यहां इस्तेमाल हो सकेगा डिलीट ऑप्शन
हालांकि विभाग की ओर से डिलीट ऑप्शन को लेकर विस्तृत दिशा निर्देश जारी नहीं किये गये हैं, लेकिन बैंकों का मानना है कि गलत डाटा की फीडिंग एवं डबल सोसायटी वाले प्रकरणों को तुरंत डिलीट किया जा सकेगा। डबल सोसायटी वाले वे प्रकरण हैं जिनमें सदस्य किसानों द्वारा दो अलग-अलग सोसायटियों से केसीसी प्राप्त की गयी है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि दोहरी सोसायटी वाले किसानों ने वर्ष 2018 में जिस सोसासटी से ऋण माफी प्राप्त की है, उसे 2019 में भी उसी सोसायटी में आवेदन करना होगा। प्रदेश में सैकड़ों ऐसे किसान हैं जिन्होंने दोहरी सोसायटी का लाभ ले रखा है, लेकिन ऋण माफी का अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए उन्होंने इस साल, पिछले साल से भिन्न सोसायटी में आवेदन कर दिया। अब ऐसे प्रकरण भी डिलीट किये जा सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि ऋण माफी योजना 2018 के दौरान भी बिना प्रमाणीकरण वाले डाटा में त्रुटि होने की स्थति में एचओ की आईडी में ही डिलीट का विकल्प दिया गया था।