श्रीगंगानगर, 20 अगस्त (मुखपत्र)। ऑल राजस्थान को-आपरेटिव एम्प्लाइज यूनियन व ऑफिसर्स एसोसिएशन के आह्वान पर, राजस्थान के समस्त सहकारी बैंक के कार्मिक अपनी लम्बित मांगों के समर्थन में 22 अगस्त से 24 अगस्त तक काली पट्टी बांधकर सरकार एवं सहकारिता विभाग के प्रति अपना विरोध दर्ज करवाएंगें।
यूनिट श्रीगंगानगर के सचिव व सीसीबी बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि एम्प्लाइज यूनियन एवं ऑफिसर्स एसोसिएशन की हाल ही में ज्वाइंट ऑनलाइन मीटिंग का आयोजन किया गया था, जिसमें राज्य सरकार एवं सहकारिता विभाग द्वारा सहकारी बैंकों एवं कार्मिकों से सम्बंधित मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किये जाने पर रोष व्यक्त करते हुए आंदोलन आरम्भ करने का निर्णय लिया गया। इसके पहले चरण में प्रदेशभर में सहकारी बैंकों के अधिकारी व कर्मचारी 22 से 24 अगस्त तक काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जतायेंगे।
लम्बे समय बाद मुखर हुई आवाज
ऑल राजस्थान कोऑपरेटिव बैंक ऑफिसर एसोसिएशन यूनिट श्रीगंगानगर के सचिव महेश सिरोही ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंकों के साथ जारी अन्याय के खिलाफलम्बे समय के पश्चात कोई आवाज बुलंद हुई है। उन्होंने यूनिट के समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे अपने सुरक्षित भविष्य के लिए संगठन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें और एकजुटता का परिचय देते हुए इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए कार्यक्रम का समर्थन करें।
ये है संगठन की मुख्य मांगें
– अल्पकालीन फसली ऋण वितरण पर देय क्षतिपूर्ति ब्याज को पुन: बढ़ाकर एक प्रतिशत किया जाये।
– केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा स्वयं के कोष से वितरित अल्पकालीन फसली ऋण वितरण पर देय 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान को नाबार्ड व केन्द्र सरकार से पुन: लागू करवाया जाये।
– अल्पकालीन रबी ऋण चुकाने की विस्तारित अवधि 1 जुलाई से 31 अगस्त 2022 तक का ब्याज सहकारी बैंकों पर नहीं थोपा जाये, इसका भुगतान राज्य सरकार स्वयं करे।
– राज्य सरकार द्वारा नाबार्ड से आग्रह करके अल्पकालीन ऋण नीति 1 अप्रेल से पूर्व ही समय पर जारी करायी जाये।
– शीर्ष सहकारी बैंक द्वारा केन्द्रीय सहकारी बैंक से अल्पकालीन ऋण हेतु उधारी पर मार्च व सितम्बर में लिया जाने वाला अग्रिम ब्याज बंद किया जाये।
– राज्य व केन्द्र सरकार से ब्याज अनुदान प्राप्त होने पर ही केंद्रीय सहकारी बैंक से वसूल किया जाये।
– ऋण माफी की एवज में राज्य सरकार से प्राप्त योग्य राशि पर बकाया ब्याज का शीघ्र भुगतान करवाया जाये।
– सहकारी बैंकों का अतिदेय हो चुका 16वां वेतन समझौता शीघ्र लागू किया जाये।
– सहकारी बैंकों में स्टाफ की शीघ्र भर्ती करवाई जाये ताकि कार्मिकों पर अत्यधिक कार्यबोझ को कम किया जा सके।
– सहकारी बैंकों में समय पर डीपीसी करवाने के लिए कैलेण्डर जारी किया जाये।