नई दिल्ली, 5 अप्रेल। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) की स्थापना कुछ कृषि-बागवानी में प्याज और दाल जैसी वस्तुओं की मूल्य अस्थिरता से निपटने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और फार्म गेट/मंडी पर किसानों/किसान संघों से सीधी खरीद को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इन वस्तुओं को विनियमित निर्गमन के लिए खरीदा और संग्रहीत किया जाता है। सरकार द्वारा इस तरह के बाजार हस्तक्षेप से बाजार को उचित संकेत मिलता है और सट्टा/जमाखोरी गतिविधियों को भी रोका जाता है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 के दौरान, प्याज की कमी वाले मौसम के दौरान कीमतों को स्थिर करने के लिए कैलिब्रेटेड और लक्षित निर्गमन के लिए रबी-2021 प्याज की कुल 2.08 एलएमटी मात्रा की खरीद की गई थी। 2021-22 के दौरान पीएसएफ रबी प्याज संचालन के लिए 549.77 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग किया गया है। 2022-23 के लिए 2.50 लाख मीट्रिक टन रबी-2022 प्याज की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बफर स्टॉक के लिए दालों की खरीद जारी
दालों के बफर स्टॉक के संबंध में, 2021-22 के दौरान बफर के लिए कुल 8.79 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) दालों की खरीद की गई थी और 9.96 एलएमटी का निपटान बाजार निर्गमन के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और सेना एवं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को आपूर्ति के लिए किया गया था। 2021-22 के दौरान पीएसएफ संचालन के लिए 7,453.95 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग किया गया। वर्ष 2022-23 के दौरान पीएसएफ बफर स्टॉक की आवश्यकता को बनाए रखने के लिए दालों की खरीद जारी है।
13325 करोड़ रुपए की खरीद
वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान, पीएसएफ संचालन के लिए कुल 13,952.648 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है। इसमें पीएसएफ दलहन परिचालन के लिए 13,325.578 करोड़ रुपये और पीएसएफ प्याज परिचालन के लिए 627.17 करोड़ रुपये शामिल हैं।