आतंकवाद, अलगाववाद को प्रोत्साहन देने के लिए जेकेएलएफ पर प्रतिबंध : सरकार
श्रीनगर, 22 मार्च (एजेंसी)| केंद्र सरकार ने मुहम्मद यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिया। उस पर आरोप है कि वह आतंकवाद और अलगाववाद को प्रोत्साहन देता है।
गृह सचिव राजीव गॉबा ने कहा कि आतंकवाद के गंभीर आरोप के मद्देनजर सरकार ने जेकेएलएफ (यासीन मलिक गुट) पर प्रतिबंध लगा दिया। उसे गैरकानूनी गतिविधियां निवारक अधिनियम के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया है। इस संगठन के बारे में कहा जाता है कि वह जम्मू एवं कश्मीर की ‘आजादी’ का समर्थन करता है। मलिक वर्तमान में जम्मू के कोट बलवाल जेल में हिरासत में हैं।
कश्मीरी पंडितों के निर्वासन व संहार के लिए मलिक जिम्मेदार
गॉबा ने मीडिया से कहा, “जेकेएलएफ ने कश्मीर में अलगाव की विचाराधारा को बढ़ावा दिया और संगठन 1988 से अलगाववादी गतिविधियों व हिंसा को प्रोत्साहन दे रहा है।” गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है, “कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों को निकालने का यासीन मलिक मास्टरमाइंड रहा है और उनके संहार के लिए जिम्मेदार है।”
जेकेएलएफ को भारतीय वायुसेना के चार अफसरों की हत्या का इलजाम लगता रहा है। साथ ही उस पर तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का भी आरोप लगा था। इससे पहले केंद्र ने जम्मू एवं कश्मीर की जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाया था।
हुरियत नेता गिलानी पर फेमा के तहत मामला दर्ज
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, हुरियत कान्फ्रेंस नेता सैयद अली शाह गिलानी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसा है। ईडी ने शुक्रवार को बताया कि गिलानी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत आरोपित किया गया है। ईडी निदेशक संजय मिश्रा ने कहा कि गिलानी के जम्मू-कश्मीर स्थित घर से बिना हिसाब-किताब की विदेशी मुद्रा जब्त करने के बाद उन पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।