केंद्रीय बजट में हुई थी सुपर रिच सरचार्ज की घोषणा
नई दिल्ली, 3 अगस्त (एजेंसी)| देश के स्टॉक मार्केट से 20,500 करोड़ रुपये मूल्य का विदेशी फंड चले जाने के बावजूद सरकार सुपर रिच श्रेणी के कराधान अधिभार (टैक्सेशन सरचार्ज) को लेकर अड़ी मालूम पड़ती है, जिससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के बीच डर का माहौल है। इसकी शुरुआत 5 जुलाई से हुई, जब बजट में व्यक्तियों पर और क्रमश: 2 करोड़ और 5 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले ट्रस्टों पर एक अतिरिक्त सरचार्ज लगाया गया।
हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में स्पष्ट कर दिया था कि सुपर-रिच टैक्स यहां बना रहेगा। उन्होंने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को कंपनियों के रूप में पंजीकरण कराकर सरचार्ज के दायरे से बाहर रहने का सुझाव देकर समाधान भी दिया।
27,00 अंक तक लुढ़क चुका है बीएसई सेंसेक्स
5 जुलाई को घोषणा होने के बाद से एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 27,00 अंक तक लुढ़क चुका है।हाल ही में ईटी की ओर से आयोजित एक पैनल चर्चा में तत्कालीन वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, जो अब ऊर्जा सचिव हैं, उनके हवाले से कहा गया था, “तो एफपीआई, मैंने भी जिसका उल्लेख किया था, वह सरचार्ज लगाए जाने के फ्रेम में नहीं था, जिसे बढ़ाया गया है।” उन्होंने कहा था कि एफपीआई मूल रूप से सेकंडरी मार्केट में निवेश करते हैं। वे इसे प्राथमिक बाजार नहीं बनाते हैं।