लघु-सीमान्त कृषकों की तर्ज पर एससी, एसटी एवं महिला किसानों को भी 75 प्रतिशत अनुदान
जयपुर, 12 फरवरी (मुखपत्र)। राजस्थान सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला किसान के लिए सूक्ष्म सिंचाई (माइक्रो इरिगेशन) संयंत्रों के अनुदान में बढ़ोतरी की है। इन्हें अब लघु एवं सीमान्त किसान की तर्ज पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए 55 प्रतिशत तथा अन्य काश्तकारों के लिए 45 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। इस योजना में केन्द्र का हिस्सा 60 एवं राज्य का 40 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार किसानों को पानी का समुचित एवं अधिकतम उपयोग कर कम पानी में अधिक उत्पादन लेने के लिए निरन्तर प्रोत्साहित कर रही है।
पूर्व में इस योजना में राज्य संसाधनों से 5 से 15 प्रतिशत अतिरिक्त टॉप-अप अनुदान देकर लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए 60 से 70 प्रतिशत तथा अन्य किसानों के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया था। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला किसानों के लिए केन्द्र सरकार की ओर से अलग से कोई अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान नहीं किया हुआ है।
माइक्रो इरिगेशन से 4.29 लाख हैक्टेयर क्षेत्र कवर होगा
श्री कटारिया ने बताया कि राज्य में सूक्ष्म सिंचाई को वृहत स्तर पर लागू कर कृषि जल दक्षता बढ़ाने के लिए 1922 करोड़ रुपए की परियोजना तैयार की गई है, जिसे अनुमोदित कर सूक्ष्म सिंचाई फण्ड (एमआईएफ) के तहत 765 करोड़ रुपए का अनुदान अनुमत किया गया है। बजट घोषणा की पालना शुरू कर आगामी दो साल के दौरान इस परियोजना का क्रियान्वयन कर लगभग 4.29 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
अन्य किसानों के लिए 70 प्रतिशत अनुदान
कृषि मंत्री ने बताया कि इस परियोजना के तहत पूर्व में प्रचलित अनुदान सीमा में बढ़ोतरी की गई है। लघु एवं सीमान्त कृषकों के साथ-साथ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला किसानों का भी अनुदान बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया गया है। अन्य किसानों के लिए अनुदान 70 प्रतिशत रखा गया है।
अलार्मिंग भू-जल ब्लॉक्स में ‘कृषि जलदूत’ तैनात होंगे
श्री कटारिया ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत स्थानीय हितधारकों की जनसहभागिता सुनिश्चित करने के लिए अलार्मिंग भू-जल ब्लॉक्स में ‘कृषि जलदूत’ तैनात करके इन ब्लॉक्स में सम्पूर्ण क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई क्षेत्र में लाने की योजना बनाई गई है।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजाति काश्तकारों को सामुदायिक सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई क्षेत्रों पर लाभान्वित किया जाएगा। इसमें नर्मदा नहर की तर्ज पर धौलपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना में भी सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापित कर लाभान्वित करने की योजना है।