भुवनेश्वर, 29 जनवरी। जर्मनी एक बार फिर हॉकी का विश्व विजेता बन गया है। रविवार को ओडिशा के कलिंगा स्टेडियम में खेले गए हॉकी विश्व कप के फाइनल में जर्मनी ने बेल्जियम को सडन डेथ पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। जर्मनी तीसरी बार हॉकी का विश्व चैम्पियन बना है। जर्मनी और बेल्जियम के बीच निर्धारित समय तक स्कोर 3-3 की बराबरी पर रहा। इसके बाद जर्मनी की टीम ने सडन डेथ में 5-4 से जीत दर्ज की।
इससे पहले जर्मनी के लिए नियमित समय में निकलास वेलेन (29वें मिनट), गोंजालो पेइलाट (41वें मिनट) और कप्तान मैट्स ग्रेमबुश (48वें मिनट) ने गोल दागे। गत चैंपियन बेल्जियम की ओर से फ्लोरेंट वेन ओबेल फ्लोरेंट (10वें मिनट), टेंगास कोसिन्स (11वें मिनट) और टॉम बून (59वें मिनट) में गोल दागे।
शुरूआत में पिछड़ गया था जर्मनी
मौजूदा टूर्नामेंट में यह तीसरा मौका था जब जर्मनी ने 0-2 से पिछडऩे के बाद जीत दर्ज की। जर्मनी ने इससे पहले इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भी दो गोल से पिछडऩे के बाद जीत दर्ज की थी। जर्मनी ने इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड की बराबरी करते हुए अपने विश्व खिताब की संख्या को तीन तक पहुंचाया। जर्मनी ने इससे पहले 2002 और 2006 में भी खिताब जीते थे। पुरुष हॉकी विश्व कप में सर्वाधिक खिताब जीतने का रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम दर्ज है, जिसने चार बार यह खिताब अपने नाम किया है।
बेल्जियम की शानदार शुरूआत
मैच के प्रारम्भ में बेल्जियम ने शानदार शुरुआत की। वेन ओबेल ने 10वें मिनट में ही मैदानी गोल दागकर बेल्जियम को बढ़त दिलाई जबकि अगले ही मिनट में कोसिन्स ने स्कोर 2-0 कर दिया। बेल्जियम के पास दूसरे क्वार्टर के पहले मिनट में स्कोर 3-0 करने का मौका था लेकिन जर्मनी के गोलकीपर एलेक्जेंडर स्टेडलर ने पेनल्टी कॉर्नर पर गॉथियर बोकार्ड के प्रयास को नाकाम किया।
हाफ टाइम तक बेल्जियम आगे रहा
जर्मनी के टॉम ग्रेमबुश ने 19वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल करने का मौका गंवाया। वेलेन ने पेनल्टी कॉर्नर वेरिएशन पर गोल दागकर जर्मनी को वापसी दिलाई। मध्यांतर के समय बेल्जियम टीम की 2-1 से आगे थी। जर्मनी ने 40वें मिनट में बराबरी करने का मौका गंवाया लेकिन पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ पेइलाट ने अगले ही मिनट में गोल दागकर स्कोर 2-2 कर दिया। कप्तान मेट्स ग्रेमबुश ने चौथे क्वार्टर के तीसरे मिनट में जर्मनी को मैच में पहली बार बढ़त दिलाई। जब लग रहा था कि जर्मनी की टीम नियमित समय में जीत दर्ज कर लेगी तब बून ने 59वें मिनट में गोल दागकर स्कोर बराबर कर दिया।