– सहकारी बैंकों को समस्त फसली ऋण माफ
– राष्ट्रीयकृत, वाणिज्यिक व ग्रामीण विकास बैंकों का 2 लाख रुपये तक का कृषि कर्ज माफ
– सरकार पर 18 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्तबोझ आएगा
सहकार गौरव
जयपुर। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भी कर्जमाफी की घोषणा की है। राजस्थान में 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। इससे राज्य सरकार पर 18 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्तबोझ पड़ेगा। तीनों राज्यों में कांग्रेस द्वारा नई सरकार के गठन के बाद किसानों का कर्जमाफ किया गया है। इससे पहले मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद ही कर्जमाफी की घोषणा कर दी गई। राजस्थान सरकार द्वारा कर्जमाफी की घोषणा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, हमने दस दिन की बात कही थी लेकिन दो ही दिन में कर दिया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने के पहले ही दिन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में यह फैसला किया। उन्होंने बताया कि इसके तहत राज्य के किसानों का सहकारी बैंकों का समस्त बकाया अल्पकालीन फसली कर्ज माफ किया जाएगा। वहीं वाणिज्यिक, राष्ट्रीयकृत व ग्रामीण बैंकों में कर्जमाफी की सीमा दो लाख रुपये रहेगी। उन्होंने कहा कि कर्ज की गणना के लिए 31 नवंबर 2018 की समयसीमा तय की गई है। सरकार के इस कदम से सरकारी खजाने पर करीब 18000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान घोषणा की थी कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। गहलोत ने इसी सोमवार को अपने पद की शपथ ली थी। बुधवार को उन्होंने मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला और रात में इस कर्जमाफी की घोषणा की। गहलोत ने संवाददाताओं से कहा,पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव अभियान के दौरान वादा किया था कि हमारी सरकार बनेगी तो हम 10 दिन में कर्ज माफ करेंगे. हमने अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी यह बात रखी थी। इसी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए आज ही इस आशय के आदेश जारी कर दिए गए।
सहकारिता विभाग का आदेश
मुख्यमंत्री की कर्ज माफी की घोषणा के कुछ ही समय पश्चात सहकारिता विभाग ने कर्जमाफी का आदेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया है कि राजस्थान सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता के अनुसार, प्रदेश के सहकारी बैंकों के ऋणी कृषकों का 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में समस्त बकाया अल्पकालीन ऋण माफ किया जाता है। इसी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार के निर्णयानुसार सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित बैंकों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के वे सभी ऋणी किसान, जो आर्थिक रूप से संकटग्रस्त हैं तथा अपना ऋण नहीं चुका पा रहे हैं, उनका सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार पात्र पाए जाने पर 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में दो लाख रुपये की सीमा तक का कालातीत/अवधिपार अल्पकालीन फसली ऋण माफ किया जाता है।
दीर्घकालीन ऋण की माफी नहीं
मुख्यमंत्री की घोषणा और राज्य सरकार के आदेश से स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश में ऋणमाफी लागू होने की लगातार दूसरी योजना में दीर्घकालीन एवं मध्यकालीन ऋण को शामिल नहीं किया गया है। इससे भूमि विकास बैंक के ऋणी काश्तकारों को कर्जमाफी योजना का लाभ नहीं मिल पायेगा। रायसिंहनगर सहकारी भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह रंधावा ने बताया कि सोमवार को प्रदेश के समस्त सहकारी भूमि विकास बैंकों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री से मिलकर मांग करेंगे कि दीर्घकालीन एवं मध्यकालीन कृषि ऋण को कर्जमाफी योजना के दायरे में लाया जाये।