नया पोर्टल नहीं बनेगा, ई-मित्र द्वारा अपलोड डाटा को डिलीट नहीं किया जायेगा
जयपुर, 6 जुलाई (मुखपत्र)। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के. पवन ने अपेक्स बैंक द्वारा लागू फसली ऋण वितरण ऑनलाइन पोर्टल की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे ऋण वितरण में पारदर्शिता आने के साथ-साथ वर्षों से वंचित किसानों को ऋण मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा।
97वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के उपलक्ष्य में नेहरू सहकार भवन में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए डॉ. नीरज ने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल से छोटे-बड़े किसानों के बीच भेदभाव समाप्त होगा और पोर्टल पर पंजीकरण करने वाले किसानों को ‘पहले आओ-पहले पाओ’ की तर्ज पर फसली ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि आधार आधारित सत्यापन से ऋण वितरण की व्यवस्था होने से सही किसान को ही ऋण का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि नयी व्यवस्था से समय पर ऋण का चुकारा करने वाले किसानों के साथ-साथ 10 लाख नये किसानों को भी पहली बार ऋण मिलेगा, जो समितियों के सदस्य होने के बावजूद वर्षों से सहकारी साख सुविधा से वंचित थे।
रजिस्ट्रार ने बताया कि इस साल 3 जून को शुरू किये गये ऑनलाइन पोर्टल पर सवा चार लाख किसानों का डाटा अपलोड हो चुका है और इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले प्रत्येक पात्र किसान को फसली ऋण दिया जायेगा। उन्होनें बताया कि पोर्टल पर रजिस्टे्रशन करवाने वाले किसानों की ऋण स्वीकृति होनी शुरू हो चुकी है।
पोर्टल पर ही होगा रजिस्ट्रेशन
कार्यक्रम के पश्चात ‘मुखपत्र’ के साथ बातचीत में रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि वर्तमान में लागू ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही ऋण वितरण का प्रक्रिया सम्पन्न होगी। नया पोर्टल बनाने का सवाल ही नहीं है। इस पोर्टल पर जिन किसानों का रजिस्टे्रशन हो चुका है, उनमें से पात्रता रखने वाले किसानों को प्राथमिकता के आधार पर लोन दिया जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पोर्टल पर जिन किसानों का डाटा अपलोड हो चुका है, उसे डिलीट नहीं किया जायेगा। रजिस्ट्रार ने बताया कि पैक्स-लैम्पस के साथ-साथ ई-मित्र द्वारा भी रजिस्ट्रेशन का कार्य जारी रहेगा।