जयपुर, 29 नवम्बर। सहकारिता सेवा के चर्चित डाक्टर साहब की बहाली बहाली और फिर से गंगानगर में पोस्टिंग के लिए दुआओं का दौर जारी है। ये दुआ करने वाले डॉक्टर के परिजन व शुभचिंतक नहीं होकर, वे लोग हैं, जो फिलहाल सोसाइटी के कर्मचारी हैं, लेकिन डॉक्टर की अनुकम्पा से बैंक का फील्ड ऑफिसर बनने के लिए एडवांस में ही भारी-भरकम कीमत चुका चुके हैं। जिस दिन से डॉक्टर साहब का एसीबी से इलाज किया है, तब से ही इन दो दर्जन् लोगों की तबीयत खराब चल रही बतायी जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि डॉक्टर साहब ने गंगानगर बैंक में आने से पहले ही सोसाइटी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति की लॉलीपॉप लेकर अपने खासमखास बैंक कार्मिकों को सक्रिय कर दिया था। बैंक में फील्ड ऑफिसर की पोस्ट केवल सोसाइटी कर्मचारियों की पदोन्नति से ही भरी जाती है, उस पर सीधी भर्ती नहीं होती।
इन लोगों को भी डॉक्टर के पहले कार्यकाल में दी गयी एडहॉक पदोन्नति की तर्ज पर पदोन्नत किया जाना था। बाद में शिकायत होने पर अदालत से स्टे दिला दिया जाता, जैसा कि पहले भी एक मामले में चल रहा है। स्टे खारिज करवाने के लिए बैंक स्तर पर कभी गम्भीर प्रयास नहीं होते।
एडहॉक पदोन्नति की लॉलीपॉप
चूंकि डॉक्टर साहब, हर सरकार में पावरफुल रहते हैं और नियमविरूद्ध कार्य करने में उन्हें विशेष महारथ हासिल है, इसलिए जब एडहॉक पदोन्नति की लॉलीपॉप पर लालच का अजिनोमोटो छिड़क कर, सुनियोजित तरीके से परोसा गया, तो लगभग दो दर्जन सोसाइटी कर्मचारियों को यह पकवान बहुत पंसद आया और उन्होंने तुरंत अपने लिए एक-एक सीट बुक कर ली।
आपको बता दें कि एजिनोमोटो एक ऐसा रसायन है, जो जीभ तक पहुंचने पर जीभ का स्वाद समाप्त कर देता है, उसके पश्चात सब कुछ स्वादिष्ट ही लगता है, फिर चाहे गोबर ही क्यों न हो। साल 1909 में जापान में खोजे गये अजिनोमोटो में एमिनोएसिड भरपूर मात्रा में होता है और यह सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है।
सांप के मुंह में छिपकली वाली स्थिति
लालच के इस अजिनोमोटो के साइड इफेक्ट तब सामने आये, जब एसीबी ने डॉक्टर साहब को गिरफ्त में ले लिया, तब से इन दो दर्जन भावी फील्ड अफसरों की नींद उड़ी हुई है। अधिकांश पीडि़त गंगानगर से रावला वाया करणपुर, रायसिंहनगर, विजयनगर रूट से सम्बंध रखते हैं। सांप के मुुंह में छिपकली जैसी हालत है। न तो रकम छोड़ सकते हैं, ना ही वापिस मांग सकते हैं।
साल दर साल होने वाली निरीक्षण रूपी हथकड़ी ने हाथ बांध रखे हैं। इसलिए, जितनी चिंता डॉक्टर साहब के घरवालों को उनकी बहाली की है, उससे अधिक चिंता इन व्यक्तियों को है, इसलिए ये लोग सुबह-शाम डॉक्टर की बहाली के लिए दुआ कर रहे हैं।
तेजी से फैलाया जा रहा है बहाली का भ्रम
उधर, दुनियावी दिखावे के लिए फरार बताये जा रहे डॉक्टर की अगल-बगल वाले बैंक कार्मिक अपने मिशन पर सतत जुटे हुए हैं। एक-दो दिन में डॉक्टर की बहाली और पुन: गंगानगर आगमन का भ्रम फैलाकर, पीडि़तों को संतुष्ट और शांत किया जा रहा है।
एसीबी वाले केस पर हाईकोर्ट से चार्जशीट पेश करने पर स्टे को केस खारिज होना बता कर प्रचारित किया जा रहा है। एसीबी की रहस्यमय निष्क्रियता ईमानदार बैंक कर्मचारियों के लिए चिंता का सबब बनी है।