– राज्य सरकार, बैंक और सहकारिता विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी करेंगे जांच
जयपुर, 19 जनवरी। भाजपा राज में वर्ष 2018 में राजस्थान में सहकारी बैंकों के माध्यम से लागू की गई फसली ऋण माफी योजना 2018 में सामने आयी अनियमितताओं की जांच की जिम्मेदारी अब जिला कलक्टरों को दी गयी है।
सहकारिता रजिस्ट्रार डॉ. नीरज कुमार पवन ने बताया कि यह निर्णय विभिन्न जिलों, विशेषत: डूंगरपुर, भरतपुर एवं चूरू आदि के संदर्भ में प्राप्त शिकायतों के क्रम में उठाया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिये सभी जिला कलक्टर को अद्र्धशासकीय पत्र लिखा गया हैं।
उन्होंने बताया, जिला कलक्टर के स्तर से अपने-अपने जिलों में जिला स्तरीय अधिकारियों, बैंक के अधिकारियों एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों की बैठक आहूत कर योजना की क्रियान्विति की समीक्षा व परीक्षण करवाया जायेगा। रजिस्ट्रार ने बताया कि इस जांच से उन कारणों का पता लगाया जायेगा जिनके कारण इस प्रकार की अनियमिततायें हुयी हैं ताकि आगे इन्हें रोकने के लिये कठोर कदम उठाये जा सकें।
उन्होंने बताया कि इन जांचों के बाद जो भी सुझाव प्राप्त होंगे, उनके अनुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा, ऋण माफी योजना के पात्र किसान को लाभ से वंचित नहीं होने दिया जायेगा तथा जो पात्र नहीं हैं, उसे किसी भी प्रकार से राजकीय धन का अपहरण नहीं करने दिया जायेगा।